मुंबई – नालासोपारा में बुधवार को तनाव व्याप्त हो गया, क्योंकि बड़ी संख्या में निवासी 41 अवैध इमारतों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में सड़कों पर उतर आए। इसलिए स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। इस तनाव के कारण बुधवार को कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
वसई-विरार नगर निगम नालासोपारा-पूर्व में 41 अनधिकृत इमारतों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। यह कार्य 23 जनवरी से शुरू हो गया है। अब तक नगर पालिका 16 इमारतों को खाली कराकर जमीन पर कब्जा करने में सफल रही है। बुधवार की सुबह, हमेशा की तरह, नगर पालिका की टीम कार्रवाई के लिए गई। लेकिन, बड़ी संख्या में इमारतों के निवासी सड़कों पर उतर आए और इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया। निवासियों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा, “हमारा पुनर्वास करें, अन्यथा हम आत्मदाह कर लेंगे।” इससे कुछ समय के लिए तनाव पैदा हो गया। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। वलिव, तुलिंज, अचोले, विरार पुलिस स्टेशनों के अधिकारी अपनी टीमों के साथ मौके पर पहुंचे और सड़कें अवरुद्ध कर दीं। इसके बाद हल्का पुलिस बल प्रयोग कर निवासियों को तितर-बितर किया गया। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दंगा नियंत्रण दल और महाराष्ट्र सुरक्षा बल के जवानों को भी तैनात किया गया था।
अब तक कार्यवाही के प्रति कोई बड़ा हिंसक विरोध नहीं हुआ है। हालाँकि, कुछ संगठनों के नेतृत्व में निवासियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। नगर निगम की अनधिकृत निर्माण विरोधी टीम के प्रमुख एवं उपायुक्त दीपक सावंत ने कहा कि, हम मध्यस्थता के माध्यम से निवासियों को समझाने में सफल रहे हैं। लोगों से कहा गया कि मकान के बदले मकान दिया जाएगा। हालाँकि, इस मामले में, चूंकि यह एक अनधिकृत निर्माण है, इसलिए इस तरह से घर के बदले घर नहीं दिया जा सकता। लोगों को यह भी समझाया गया कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। नगरपालिका ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रक्रिया कानूनी है, वकीलों को भी मौके पर बुलाया।
अगर हम जाएं तो कहां जाएं? निवासियों का प्रश्न
हमसे घर खाली करने को कहा जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ किराए का घर खरीदने के लिए 50 हजार की जमा राशि कहां से और कैसे लाएंगे? यह प्रश्न एक निवासी महिला ने पूछा था। केंद्र सरकार कहती है कि वे हमें घर के बदले घर देंगे, इसलिए हमें दूसरा घर दे दो, इस महिला निवासी ने आंखों में आंसू भरकर कहा। इतने सालों तक हमारा घर अनधिकृत नहीं था। हम पर कर लगाया गया, हमें वोट देने का अधिकार भी दिया गया। अब अचानक हमारे मकान अवैध घोषित कर दिए गए हैं। रहवासियों ने सवाल उठाया है कि अगर हम मकान खाली कर देंगे तो कहां जाएंगे।
आखिरी इमारत ढहने तक पुलिस की तैनाती रहेगी
सभी 41 इमारतों को खाली कराया जाएगा। इसके लिए कोई समय सीमा नहीं है। इस संबंध में उपायुक्त दीपक सावंत ने कहा था कि लोगों पर बिना किसी दबाव के कार्रवाई की जाएगी। हम इस ऑपरेशन के लिए आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराएंगे। इस संबंध में सर्किल-2 की पुलिस उपायुक्त पूनम चौगुले-श्रृंगी ने बताया कि आखिरी इमारत गिरने तक पुलिस मौके पर तैनात रहेगी।