बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हाल ही में एक गंभीर घटना घटी, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने देश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के घर पर हमला किया और उसे आग के हवाले कर दिया। र उनकी बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का पैतृक निवास था, जिसे बाद में एक संग्रहालय में परिवर्तित किया गया था। (uters.com)
घटना का विवरण दर्शनकारियों ने ढाका स्थित धानमंडी रोड-32 पर स्थित शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिह घर पर धावा बोला, तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस दौरान, उन्होंने बुलडोजर का उपयोग कर घर को ध्वस्त करने कभी प्रयास किया। यह घटना उस समयुई जब शेख हसीना भारत से अपने समर्थकों को ऑनलाइन संबोधित कर रही थीं। (reuters.com)
प्र्शनकारियों के आरोपप्रदर्शनकारियों का आरोप है कि श हसीना भारत में बैठकर बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। उनका कहना है कि हसीना की नीतियों ने देश में अधिनाद को बढ़ावा दिया है, जिसके विरोध में वे इस प्रकार की कार्रवाई कर रहे हैं। ([reuters.chttps://www.reuters.com/world/asia-pacific/bangladesh-protesters-torch-ousted-pm-hasinas-fathers-home-2025-006/?utm_source=chatg.com))
शेख हसीना की प्रतिक्रा
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शेख हसीना ने कहा, “वे इमा को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं मिटा सकते।” उन्होंने प्रदर्शनकारियों की इस कार्रवाई की निंदा की और इसे देश की आजादी के खिलाफ बताया। हसीना नने विरोधियों को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वह आज जीवित हैं, तो इसका मतलब है कि वह कुछ बड़ा करेंगी। (ndtv.com)
आवामी लीग की प्रतिक्रियाख हसीना की पार्टी, आवामी लीग, ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट करते हुए लिखाि धानमंडी 32 आव को ध्वस्त करना यूनुस समर्थकों द्वारा फासीवाद को लागू करने का एक उदाहरण है। उन्होंनोप लगाया कि जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित यूनुस शासन के हिंसक समर्थकों को कानून प्रवर्तनवारा इस स्थान पर तोड़फोड़ और आग लगाने की अनुमति दी गई। (reuters.com)
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना देश छोड़कर भारत में शरण ली थीं, जिसके बाद से वह वहीं रह रही हैं। उनकी सरकार के पतन के बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है, और विभिन्न गुटों के बीच तनाव जारी है। (en.wikipedia.org)