अमेरिका विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, खाने-पीने के शौकों, पर्यटन स्थलों और व्यापार अवसरों के लिए जाना जाता है। कुछ लोगों के लिए अमेरिका कैरियर या शिक्षा के लिए आकर्षक होता है। कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिका चल चलों जिंदगी संवर जाएगी। ऐसा ही एक सपना लिए पंजाब के एक छोटे से गांव की लड़की अमेरिका गई थी। लेकिन उसकी ततन वापसी हाथों में हथकड़ी के साथ हुई। पंजाब के वेरपाल गांव की 26 वर्षीय महिला सुखजीत कौर कथित तौर पर अपने मंगेतर से शादी करके अपने जीवन में एक नया अध्याय शुरू करने के सपने के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका गई थी। हालाँकि, उनकी उम्मीदें धराशायी हो गईं क्योंकि उन्हें हिरासत में ले लिया गया और 103 अन्य लोगों के साथ अवैध प्रवासियों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की कार्रवाई के तहत वापस भारत भेज दिया गया। सुखजीत कौर के पिता काबुल सिंह इटली में रहते हैं, जबकि उनकी मां और भाई पंजाब में रहते हैं।
इसे भी पढ़ें: हथकड़ी लगाकर ही लोगों को ट्रंप ने अमेरिका से किया था बाहर, अमेरिका से लौटे भारतीयों पर विदेश मंत्री जयशंकर का आया बड़ा बयान
निर्वासन ने उसके परिवार को सदमे में डाल दिया है, क्योंकि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी का सपना इस तरह खत्म हो जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक रिश्तेदार ने साझा किया कि कई अन्य लोगों की तरह, सुखजीत भी एक एजेंट का शिकार हो गई, जिसने उसे अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद की, जिसके कारण उसे अंततः निर्वासन करना पड़ा।
इसे भी पढ़ें: अवैध रूप से विदेश में रहने वाले नागरिकों को वापस लेना सभी देशों का दायित्व… संसद में जयशंकर ने प्रवासियों पर दिया जवाब
अपने सपने को खोने के दर्द के अलावा, उसकी यात्रा का वित्तीय बोझ उसके परिवार पर भारी पड़ता है। विभिन्न राज्यों से 104 अवैध अप्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को पंजाब के अमृतसर में उतरा, यह अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रम्प सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का पहला ऐसा जत्था था। बता दें कि अमेरिका का एक सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर बुधवार दोपहर अमृतसर स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं। निर्वासित किये गये लोगों में 19 महिलाएं और चार वर्षीय एक लड़का, पांच व सात वर्षीय दो लड़कियों सहित 13 नाबालिग शामिल हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से कुछ ही दिन पहले यह कार्रवाई हुई है।