हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। यह भगवान विष्णु को समर्पित होता है और हर महीने दो बार एकादशी व्रत रखा जाता है। इस प्रकार सालभर में कुल 24 एकादशी व्रत होते हैं। इन व्रतों को करने से सुख, समृद्धि, मानसिक शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
फरवरी 2025 में दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत पड़ रहे हैं:
- जया एकादशी (8 फरवरी 2025) – माघ शुक्ल पक्ष
- विजया एकादशी (24 फरवरी 2025) – फाल्गुन कृष्ण पक्ष
इन एकादशी व्रतों के पालन से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इन व्रतों की तिथि, शुभ मुहूर्त और पारण का समय।
जया एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है।
व्रत तिथि: 8 फरवरी 2025 (शनिवार)
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 फरवरी 2025, रात 09:26 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 8 फरवरी 2025, रात 08:15 बजे
शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:21 से 06:13 बजे
- रवि योग: सुबह 07:05 से शाम 06:07 बजे
- अमृत काल: सुबह 09:31 से 11:05 बजे
जया एकादशी व्रत पारण मुहूर्त
व्रत पारण तिथि: 9 फरवरी 2025 (रविवार)
- पारण का शुभ समय: सुबह 07:04 से 09:17 बजे तक
धार्मिक महत्व
जया एकादशी व्रत से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।
भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
इस व्रत को करने से सभी कष्टों का निवारण होता है।
विजया एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है।
व्रत तिथि: 24 फरवरी 2025 (सोमवार)
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 23 फरवरी 2025, दोपहर 01:55 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 24 फरवरी 2025, दोपहर 01:44 बजे
शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:11 से 06:01 बजे
- अमृत काल: दोपहर 02:07 से 03:45 बजे
विजया एकादशी व्रत पारण मुहूर्त
व्रत पारण तिथि: 25 फरवरी 2025 (मंगलवार)
- पारण का शुभ समय: सुबह 06:58 से 09:12 बजे तक
धार्मिक महत्व
विजया एकादशी व्रत से सभी परेशानियां दूर होती हैं।
व्यक्ति को सफलता और विजय प्राप्त होती है।
इस व्रत को करने से जीवन के सभी संकट समाप्त होते हैं।
शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
एकादशी व्रत का महत्व
एकादशी व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ माध्यम माना जाता है।
सात्विक भोजन और भजन-कीर्तन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
दान-पुण्य करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
सभी पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मिक शुद्धि होती है।
इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
जया और विजया एकादशी के लाभ
भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक रूप से यह व्रत लाभकारी होता है।
पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
किसी भी तरह की नकारात्मकता दूर होती है।
व्यापार और करियर में उन्नति के योग बनते हैं।