Saturday, October 18, 2025
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महाकुंभ 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संगम स्नान, अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन

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प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले का आज (10 फरवरी 2025) 29वां दिन है। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पावन संगम में स्नान करेंगी। संगम स्नान के बाद वे अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगी। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।

राष्ट्रपति सुबह 11 बजे प्रयागराज पहुंचेंगी और शाम 4 बजे तक महाकुंभ में रहेंगी। उनकी यात्रा को देखते हुए प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। यह पहला मौका होगा जब राष्ट्रपति मुर्मु महाकुंभ में शामिल होंगी। इससे पहले, भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में संगम स्नान किया था।

राष्ट्रपति मुर्मु करेंगी अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन

राष्ट्रपति अक्षयवट के दर्शन करेंगी, जिसे अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह हिन्दू धर्म का प्राचीन और पवित्र स्थल है, जिसका उल्लेख कई पुराणों में मिलता है। इसके अलावा, वे बड़े हनुमान मंदिर भी जाएंगी, जहां वे पूजा-अर्चना कर देशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।

राष्ट्रपति मुर्मु क्रूज से संगम तट पर पहुंचेंगी

राष्ट्रपति के प्रयागराज आगमन और संगम स्नान की यात्रा बहुत ही विशेष होगी। उनका आगमन सुबह 11 बजे प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट पर होगा, जहां से वे हेलीकॉप्टर के जरिए अरैल क्षेत्र के डीपीएस हेलीपैड पहुंचेंगी। वहां से वे कार द्वारा अरैल वीवीआईपी जेटी जाएंगी और फिर निशादराज क्रूज के जरिए संगम तट तक पहुंचेंगी।

  • दोपहर 12 बजे: संगम में पवित्र स्नान करेंगी।
  • स्नान के बाद: गंगा पूजन और आरती करेंगी।
  • सुरक्षा कारणों से: संगम क्षेत्र और प्रमुख घाटों की कड़ी निगरानी की जाएगी।
  • श्रद्धालु: बाकी घाटों पर स्नान कर सकेंगे।

प्रयागराज में सुरक्षा के मद्देनजर ये पाबंदियां लागू

राष्ट्रपति की यात्रा को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

अरैल, संगम, किले और बड़े हनुमान मंदिर जाने वाले रास्तों पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।
संगम क्षेत्र में नावों के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
संगम और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।

ड्रोन कैमरों से होगी सुरक्षा निगरानी

राष्ट्रपति महाकुंभ डिजिटल अनुभव केंद्र का भी दौरा करेंगी, जहां महाकुंभ के इतिहास और महत्व को डिजिटल तकनीक के माध्यम से दर्शाया गया है।

🔹 सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।
🔹 ड्रोन कैमरों से संगम क्षेत्र और घाटों की निगरानी की जा रही है।
🔹 राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए विशेष कमांडो दस्ते तैनात किए गए हैं।

महाकुंभ में राष्ट्रपति का संगम स्नान – ऐतिहासिक क्षण

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का महाकुंभ में शामिल होना एक ऐतिहासिक क्षण है। इससे पहले 1954 के महाकुंभ में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी संगम स्नान किया था।

राष्ट्रपति का महाकुंभ स्नान सनातन परंपराओं और आध्यात्मिकता का सम्मान है। इस यात्रा से महाकुंभ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और भी बढ़ेगा।

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