Thursday, October 16, 2025
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बिहार से पश्चिम बंगाल के बीच रेलवे नेटवर्क होगा और मजबूत

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भारतीय रेलवे बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच यातायात को तेज़ और सुगम बनाने के लिए कई अहम कदम उठा रहा है। नई रेल लाइन बनने से एनजेपी (न्यू जलपाईगुड़ी) से ठाकुरगंज की दूरी 45 किमी तक कम हो जाएगी। रेलवे ने अंतिम लोकेशन सर्वे शुरू कर दिया है, जिससे तय होगा कि यह रेल लाइन किन रास्तों से गुजरेगी और किन क्षेत्रों को जोड़ेगी।

चिकेन नेक की सुरक्षा के लिए रेलवे ने बढ़ाए कदम

भारतीय रेलवे ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चिकेन नेक क्षेत्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई उपायों पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत ठाकुरगंज-चटेरहाट के बीच एक नई रेल लाइन के लिए अंतिम लोकेशन सर्वे शुरू हो चुका है। यह कार्य पुणे की मोनार्क सर्वेयर एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया है।

महाप्रबंधक (निर्माण) एनएफ रेलवे, मालीगांव ने किशनगंज पुलिस अधीक्षक (एसपी) को पत्र लिखकर ड्रोन सर्वे में सहयोग की मांग की है, ताकि सर्वेक्षण कार्य को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।

ठाकुरगंज-चटेरहाट रेल लाइन का अंतिम सर्वे शुरू

रेलवे बोर्ड ने ठाकुरगंज-चटेरहाट (रंगापानी-धूमाडांगी) के बीच 24.40 किमी लंबी नई रेल लाइन के अंतिम लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी है। इस परियोजना की निविदा 15 जुलाई 2024 को जारी की गई थी। सर्वेक्षण कार्य में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया गया है:

  • ट्रैफिक सर्वेक्षण रिपोर्ट
  • भूमि और मिट्टी की जांच
  • बोर होल ड्रिलिंग द्वारा भू-वैज्ञानिक परीक्षण
  • प्रस्तावित पुलों के लिए जलमार्ग विश्लेषण

इस सर्वेक्षण का विस्तृत विवरण 6 फरवरी 2024 को किशनगंज पुलिस अधीक्षक को भेजा गया है, जिसमें प्रशासन से सहयोग का अनुरोध किया गया है।

एनजेपी से दिल्ली के लिए नया रेलवे मार्ग प्रस्तावित

इस नई रेल परियोजना के पूरा होने से एनजेपी से दिल्ली तक एक नया रेलवे मार्ग विकसित होगा। यह वर्तमान मार्ग का एक विकल्प बनेगा, जिससे आपदा या किसी आपातकालीन स्थिति में एक वैकल्पिक कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

मुख्य लाभ:

  • एनजेपी से ठाकुरगंज की दूरी 63 किमी से घटकर 45 किमी रह जाएगी।
  • चटेरहाट-अलुआबाड़ी-एनजेपी रेल खंड पर एक नया स्टेशन विकसित किया जाएगा।
  • यह रेलवे नेटवर्क भारत के पूर्वोत्तर हिस्से को देश के अन्य हिस्सों से अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ेगा।

रेलवे की इस योजना से बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच यात्रियों और व्यापारियों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी, जिससे दोनों राज्यों के आर्थिक और सामाजिक विकास को गति मिलेगी।

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