Wednesday, October 15, 2025
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एआई में अमेरिका और चीन के प्रभुत्व के बावजूद फ्रांस ने शिखर सम्मेलन के लिए भारत को क्यों चुना? यह लाभ मिलेगा

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AI Summit France Macron and PM Modi Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचने पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एलिसी पैलेस में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में रात्रिभोज का भी आयोजन किया। इस बीच पीएम मोदी आज एआई एक्शन समिट में हिस्सा लेंगे।

आज एआई शिखर सम्मेलन का आयोजन

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के नेतृत्व में आज एआई शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस बार पीएम मोदी को एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता के लिए आमंत्रित किया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि पीएम मोदी को कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता के लिए क्यों आमंत्रित किया गया?

तकनीकी संप्रभुता को बढ़ावा देने का मुख्य एजेंडा

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा, ‘मैं तकनीकी संप्रभुता को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी के साथ काम करना चाहता हूं। हमारा दृढ़ विश्वास है कि भारत और फ्रांस दो मजबूत देश हैं और हमारे संबंध बहुत घनिष्ठ हैं। हम अमेरिका और चीन के साथ काम करना चाहते हैं लेकिन किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहते। भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है और हर साल 10 लाख इंजीनियर तैयार करता है, जो यूरोप और अमेरिका दोनों के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है।’

वैश्विक स्तर पर तकनीकी संप्रभुता उनका और प्रधानमंत्री मोदी का मुख्य एजेंडा है।

राष्ट्रपति मैक्रों ने आगे कहा, ‘हम पूर्ण आत्मनिर्भरता चाहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अकेले रहना चाहते हैं।’ हमें ऐसे साझेदारों की आवश्यकता है जिन पर हम बिना किसी निर्भरता के भरोसा कर सकें।’

एआई खतरा नहीं बल्कि मददगार होगा

एआई के बारे में बात करते हुए मैक्रों कहते हैं, ‘भारत और फ्रांस दो अग्रणी देश हैं, लेकिन एआई के मामले में अमेरिका और चीन हमसे कहीं आगे हैं। इसके बाद फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, अमीरात और जर्मनी का स्थान है। इसीलिए हम एआई पर मिलकर काम करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सामने भी यही चुनौती है कि एआई बाजार पर अमेरिका की पकड़ है और कुछ चीनी कंपनियों की भी यहां मजबूत उपस्थिति है। ऐसे में पीएम मोदी चाहते हैं कि इस नई तकनीक का फायदा भारत को मिले।

 

राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा, ‘भारत के साथ मिलकर हम तकनीकी संप्रभुता विकसित करेंगे।’ हम यहां लोगों को प्रशिक्षण देंगे। हम भारत और फ्रांस में डेटा सेंटर स्थापित करेंगे और अपनी भाषा में भाषा मॉडल तैयार करेंगे। हम अमेरिकी या चीनी मॉडल पर निर्भर नहीं रहना चाहते। “इस दिशा में ग्लोबल साउथ एक बड़ा बाज़ार होगा।”

यह प्रधानमंत्री मोदी की सातवीं फ्रांस यात्रा है। उन्होंने आखिरी बार 2023 में फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में भाग लिया था। इससे पहले यह शिखर सम्मेलन 2024 में दक्षिण कोरिया में और 2023 में ब्रिटेन में आयोजित किया गया था।

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