राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस भारत में हर साल 12 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल का उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाने की जरूरतों के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाना है। इस दिवस के अवसर पर एनपीसी की स्थापना की गई थी और दक्षता, रचनात्मकता और उत्पादकता के महत्व पर प्रकाश डाला गया था। राष्ट्रीय संस्था की स्थापना भारत की उत्पादकता की संस्कृति को आगे बढ़ाने के इरादे से की गई थी।
क्या है आज का इतिहास ?
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के गठन का प्रतीक है। जिसे 12 फरवरी 2022 को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1960 के तहत रजिस्टर्ड किया गया था। राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद यानी एनपीसी 1958 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा स्थापित एक स्वशासी संगठन है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस पर एनपीसी की स्थापना की गई थी और दक्षता, रचनात्मकता और उत्पादकता के महत्व पर प्रकाश डाला गया था।
नेशनल प्रोडक्टिविटी डे मनाने का उद्देश्य
राष्ट्रीय स्तर इस दिन को सेलिब्रेट करना का मुख्य उद्देश्य एफिशिएंसी, इनोवेशन और प्रोडक्टिविटी को लेकर लोगों में अवेयरनेस बढ़ाना है। इस दिन को मनाते समय हुए लोग अच्छी आदतें अपनाने की शुरुआत कर सकते हैं। यह आदतें उत्पादकता को बढ़ावा देंगी और सामान्य रूप से क्वालिटी ऑफ लाइफ में इजाफा करने में प्रोडक्टिविटी की रोल के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाएंगी। आज उत्पादकता को उत्पादन बढ़ाने के साधनों से कहीं ज्यादा दिखाना है। यह एक कॉन्सेप्ट है जो क्वालिटी,ह्यूमन रिसोर्सेस डेवलपमेंट और पर्यावरण के मुद्दों को ध्यान में रखती है।
राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का महत्व
इस दिवस का उद्देश्य रचनात्मकता और उत्पादकता के मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उत्पादन को अनुकूलित करने और संसाधनों के उपयोग को बढ़ाने के लिए उत्पादकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। नेशनल प्रोडक्टिविटी वीक और नेशनल प्रोडक्टिविटी डे का उद्देश्य भारत को वैश्विक लीडर बनाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी पहलुओं की प्रतिस्पर्धात्मक, दक्षता और गुणवत्ता में सुधार के महत्व के बारे में अवेयरनेस पैदा करना है।