Tuesday, August 26, 2025
spot_img
Homeअंतरराष्ट्रीयRussia-Ukraine War के तीन साल पूरे, Zelensky बोले- NATO की सदस्यता मिले...

Russia-Ukraine War के तीन साल पूरे, Zelensky बोले- NATO की सदस्यता मिले तो मैं राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने को तैयार

रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे हो चुके हैं और अब यह चौथे वर्ष में प्रवेश कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले यह कह रहे हों कि वह इस युद्ध को रुकवाना चाहते हैं लेकिन जिस तरह के हालात दिख रहे हैं उससे लगता नहीं कि ऐसा जल्द हो पायेगा। ट्रंप की बातों से एक चीज और उभर कर आ रही है कि वह चाहते हैं कि यूक्रेन अमेरिका को उसके समर्थन के बदले में कुछ दे। यहां सवाल उठता है कि अगर जेलेंस्की कुछ देने को तैयार हो जाते हैं तो क्या अमेरिका पहले की तरह यूक्रेन का समर्थन करता रहेगा और यह युद्ध यूं ही खिंचता रहेगा?
दूसरी ओर, युद्ध के मैदान की बात करें तो एक चीज साफ दिख रही है कि यूक्रेन के सैनिक पूरी तरह थक चुके हैं और रूस के सैनिकों के बढ़ते कदमों को देखने के अलावा उनके पास कोई काम नहीं बचा है। कुछ यूक्रेनी सैनिक भले थोड़ा-बहुत संघर्ष करते दिख रहे हैं लेकिन अंजाम क्या होगा यह उन्हें भी पूरी तरह से पता है। युद्ध के तीन साल पूरे होने पर रूस ने यूक्रेन पर जोरदार बमबारी की है। इसके बारे में यूक्रेनी वायु सेना ने कहा कि रूस ने रात भर यूक्रेन के खिलाफ 185 ड्रोन लॉन्च किए लेकिन कोई महत्वपूर्ण क्षति नहीं हुई।

इसे भी पढ़ें: Vishwakhabram: Trump ने छोड़ा साथ तो Volodymyr Zelensky की मदद के लिए Keir Starmer ने बढ़ाया अपना हाथ

उधर, अब तक यूक्रेन इस युद्ध को अमेरिका के सहयोग से खींचता चला आया लेकिन अब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद यूक्रेन को मदद मिलनी खत्म हो चुकी है। यही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते वोलोदमीर ज़ेलेंस्की को एक अलोकप्रिय “तानाशाह” के रूप में दोषी ठहराया जिससे यूक्रेन वासी भी अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गये हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले हफ्ते सऊदी अरब में रूसी पक्ष के साथ सीधी बातचीत शुरू की थी लेकिन इस बातचीत में यूक्रेन को ही नहीं बुलाया गया। अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि शांति समझौता होता है तो वह कीव द्वारा वांछित सुरक्षा गारंटी के रूप में कोई सैनिक नहीं भेजेगा, जिससे इसका बोझ पूरी तरह से यूरोपीय शक्तियों पर पड़ेगा। इस बीच, जेलेंस्की यूरोपीय नेताओं को लगातार फोन कर रहे हैं ताकि यूरोप की अपनी सेना बनाई जा सके। जेलेंस्की अपने देश को नाटो की सदस्यता दिलाने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं लेकिन उम्मीद नहीं है कि नाटो की सदस्यता कीव को मिल पायेगी।
जेलेंस्की को यूरोप के कुछ नेताओं का समर्थन मिल भी रहा है। युद्ध के तीन वर्ष पूरे होने पर कई नेता कीव आये। इनमें यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और कनाडा, फिनलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन के नेता शामिल थे। इन सभी से राष्ट्रपति के अलावा यूक्रेन के विदेश मंत्री और ज़ेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ ने मुलाकात की। हम आपको बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा आक्रमण का आदेश देने के बाद से लाखों यूक्रेनी नागरिक मारे गए हैं और छह मिलियन से अधिक लोग विदेशों में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। देखा जाये तो युद्ध ने यूक्रेन के हर कोने में परिवारों को प्रभावित किया है। यही नहीं, हवाई हमले के सायरन से लोगों की रातों की नींद हराम हो गई है।
इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि ट्रंप का समर्थन हासिल करने के लिए जेलेंस्की यूक्रेन की खनिज संपदा को अमेरिका के लिए खोल सकते हैं। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति कह रहे हैं कि अमेरिका का समर्थन हासिल करने के लिए भुगतान करना होगा। वह इसके लिए सैंकड़ों अरब डॉलर की मांग कर रहे हैं। हम आपको यह भी बता दें कि ज़ेलेंस्की ने इस महीने की शुरुआत में एक प्रारंभिक मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था क्योंकि वह जो सुरक्षा गारंटी चाहते थे वह इसमें नहीं थी। इस बीच, यह भी खबर है कि समझौते के लिए दबाव डाल रहे अमेरिकी वार्ताकारों ने एलोन मस्क के स्टारलिंक उपग्रह इंटरनेट सिस्टम तक यूक्रेन की पहुंच में कटौती की संभावना बढ़ा दी है, जिसने कीव के सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर यूक्रेन को स्टारलिंक की सेवाएं नहीं मिल पाईं तो उसके लिए सैन्य अभियान आगे बढ़ाना बेहद मुश्किल हो जायेगा। इसके अलावा, ट्रंप ने यूक्रेन पर युद्धकालीन चुनाव कराने के लिए भी दबाव डाला है और वह रूस का पक्ष लेते हुए नजर आ रहे हैं, जिसने लंबे समय से ज़ेलेंस्की को वैध नहीं बताया है। हम आपको बता दें कि ज़ेलेंस्की का कार्यकाल पिछले मई में समाप्त होने वाला था, लेकिन मार्शल लॉ के कारण कोई चुनाव नहीं हुआ है। ज़ेलेंस्की ने इस बारे में कहा है कि अगर मेरे पद छोड़ने से शांति होती है तो वह राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार हैं, हालांकि उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा है कि वह नाटो में यूक्रेन के प्रवेश के लिए अपने इस्तीफे का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments