Saturday, October 18, 2025
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Shivraj Singh Chauhan Birthday: शिवराज सिंह चौहान को विरासत में नहीं मिली सियासत, डगर-डगर चलकर बनाया मुकाम

आज यानी की 05 मार्च को भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि वह भाजपा में सबसे अधिक दिनों तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। शिवराज सिंह चौहान अन्य नेताओं से अलग हैं। उनको राजनीति विरासत में नहीं मिली है, बल्कि उन्होंने डगर-डगर चलकर राजनीति में अपना मुकाम हासिल किया। लंबे समय तक सत्ता पर काबिज रहे शिवराज सिंह चौहान की पहचान पांव-पांव वाले भैया की भी है। मध्य प्रदेश में वह 17 सालों तक सत्ता की बागडोर संभालते रहे। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर शिवराज सिंह चौहान के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और परिवार
मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के जैत गांव में 05 मार्च 1959 को शिवराज सिंह चौहान का जन्म हुआ था। उनके पिता प्रेम सिंह चौहान एक किसान थे। शिवराज सिंह के अंदर बचपन से ही नेतृत्व के गुण दिखने लगे थे। वह बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के व्यक्ति थे। बचपन में मजदूरों के एक आंदोलन का नेतृत्व करने पर उनका राजनीतिक रूप सामने दिखाई दिया था। 
जब पिता से ही भिड़ गए शिवराज
दरअसल, खेतों में मजदूरी करने वाले मजदूरों के लिए शिवराज सिंह चौहान अपने पिता से भिड़ गए। उन्होंने अपने गांव में मजदूरों की मेहनत का पैसा दोगुना करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरूकर दिया। इस दौरान शिवराज सिंह महज 9 साल थे और उनके गांव में मजदूरी का पैसा बहुत कम था। ऐसे में उन्होंने एक दिन गांव के सभी मजदूरों को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि जब तक मजदूरों की मजदूरी दोगुनी न हो जाए, तब तक काम पर मत आना।
वहीं मजदूरों ने भी शिवराज सिंह चौहान की बात मान ली और उन्होंने मजदूरों का जुलूस निकाला और शिवराज नारे लगाते हुए पूरे गांव में घूमें। इससे मजदूरों का हौसला बढ़ गया। वहीं गांव के लोग यह देखकर हैरान भी हुए कि एक बच्चा मजदूरों के नेतृत्व का आंदोलन कर रहा है। इस दौरान शिवराज सिंह ने नारा दिया, ‘मजदूरों का शोषण बंद कर, ढाई पाई नहीं पांच पाई दो।’
राजनीतिक सफर
बता दें कि 20 साल बाद शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा के मैदान में उतारा गया है। वह विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले भी वह विदिशा से 5 बार सांसद रह चुके हैं। इसके बाद साल 2005 के बाद साल 2018 के कुछ दिनों को छोड़ दिया जाए, तो वह मध्यप्रदेश के सीएम बने। यह सफर साल 2023 के आखिरी तक जारी रहा। साल 2009 में शिवराज सिंह चौहान बुधनी से विधायक बने। फिर साल 2005 के बाद हुए उपचुनाव में चौहान सांसद रहने के बाद विधायक चुने गए। वह बुधनी से ही विधायक हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कई सराहनीय कार्य किए। उन्होंने लाडली बहन योजना, लाडली लक्ष्मी योजना और प्रतिदिन पौधारोपण करने जैसा काम किया। शिवराज सिंह चौहान का अंदाज अन्य नेताओं से बिलकुल जुदा रहा। बता दें कि वह पिछले 3 सालों से अधिक समय से प्रतिदिन पौधारोपण करते हैं। प्रदेश के कई राज्यों में भी लाडली लक्ष्मी योजना को मध्य प्रदेश के मॉडल को देखकर लागू किया है। वहीं पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना से प्रेरित है।
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