असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार केंद्र से अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच कराने समेत राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के केंद्रों में सुरक्षा बढ़ाने का आग्रह करेगी, क्योंकि यह पाया गया है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा में उच्च अंक लाने के बावजूद कई छात्रों का ज्ञान सीमित है।
शर्मा ने कैबिनेट की बैठक के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के संकाय सदस्यों ने बताया है कि उच्च अंकों के साथ प्रवेश परीक्षा पास करने वाले छात्र उतने योग्य नहीं हैं, जितना उन्हें होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘कई प्रोफेसर ने हमें बताया कि इतनी बड़ी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के बावजूद कई छात्रों का व्यावहारिक या शैक्षणिक ज्ञान बहुत सीमित है। हमने करीब डेढ़ साल पहले विशेष शाखा से इस मामले की जांच करने को कहा था।’’
शर्मा ने कहा कि पुलिस ने सरकार को सूचित किया है कि अधिकतर प्रवेश परीक्षा केंद्र निजी संस्थानों में हैं, सरकारी विद्यालयों या महाविद्यालयों में नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे दिल्ली द्वारा आयोजित किया जाता है, इसलिए हमने अब तक इसमें हस्तक्षेप नहीं किया। केंद्र सरकार से अनुरोध करने के संबंध में कैबिनेट ने आज तीन निर्णय लिए। पहला यह है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा केवल सरकारी विद्यालयेां में आयोजित की जाए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) और शिक्षा मंत्रालय से जिला आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की प्रत्यक्ष निगरानी में नीट आयोजित करने का भी अनुरोध करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘तीसरा अनुरोध परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले उम्मीदवारों की बायोमेट्रिक जांच करने के संबंध में किया जाएगा। मेरा मानना है कि अगर ये कदम उठाए जाते हैं, तो मेडिकल परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी होगी।