चीनी एप से दूरी बनाने वालों में दुनियाभर के कई देश मौजूद हैं। अकेला भारत वो देश नहीं है जिसने चीनी एप से दूरी बनाई हो। अमेरिका भी चीनी एप से काफी हद तक दूरी बनाना चाहता है। इन एप्लिकेशन में सबसे पहला नाम टिकटॉक का आता है। अमेरिका में टिकटॉक को लेकर गजब का विवाद छिड़ा हुआ है। इसी विवाद के बीच एक ऐसी खबर सामने आ रही है जो सब को हैरान कर रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि उनकी सरकार टिकटॉक की बिक्री को लेकर चार अलग-अलग ग्रुप्स से बातचीत कर रही है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नवीनतम टिप्पणियों के अनुसार, चार अलग-अलग समूह चीनी स्वामित्व वाले वायरल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर नज़र गड़ाए हुए हैं। एयर फ़ोर्स वन में सवार ट्रंप ने मीडिया को बताया कि सभी विकल्प अच्छे लग रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर मालिक बाइटडांस को प्लेटफ़ॉर्म बेचने या प्रतिबंध का सामना करने के लिए मजबूर किया। 19 जनवरी को टिकटॉक प्रतिबंध प्रभावी हो गया, लेकिन 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद इसे तुरंत वापस ले लिया गया। इसके साथ ही बाइटडांस को अमेरिका में प्लेटफ़ॉर्म के भविष्य पर विचार करने के लिए 75 दिनों की लाइफलाइन दी। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि बाइटडांस अकेले अमेरिकी परिचालन को बेचने पर विचार करेगा (जैसा कि उबर ने भारत में उबर ईट्स के साथ किया था), या पूरे प्लेटफ़ॉर्म को चीनी टेक कंपनी की ओर से किसी भी आधिकारिक बयान की अनुपस्थिति को देखते हुए।
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ट्रंप ने मीडिया से कहा कि हम चार अलग-अलग समूहों से निपट रहे हैं। टिकटॉक ने कई लोगों की रुचि को बढ़ाया, जिनमें फ्रैंक मैककोर्ट (एमएलबी टीम लॉस एंजिल्स डोजर्स के पूर्व मालिक), एलेक्सिस ओहानियन (रेडिट के सह-संस्थापक), जेसी टिंसले (तकनीकी निवेशक), जिमी डोनाल्डसन उर्फ मिस्टरबीस्ट (यूट्यूब व्यक्तित्व), और रीड रैसनर (व्योमिंग-आधारित उद्यमी) शामिल हैं। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि TikTok की कीमत लगभग 50 अरब डॉलर तक हो सकती है।