उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में तिलक समारोह से अपहृत तीन वर्षीय बच्चे ऋतिक को 28 दिन बाद तेलंगाना से ढूंढ निकाला गया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, बच्चे को उसके परिवार के हवाले कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि पिछले महीने 21 फरवरी को अतरौली थानाक्षेत्र के गौरियाकलां गांव में तिलक समारोह से ऋतिक का अपहरण कर उसे बेच दिया गया था।
पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार ने बताया, “बच्चे के अपहरण और उसे बेचने में शामिल होने के आरोप में सीतापुर के रहने वाले अभय वर्मा, लखनऊ के रहने वाले उमाशंकर और दिल्ली की रहने वाली सोनिया उर्फ सुनीता को गिरफ्तार किया गया।”
अधिकारी ने बताया, “ऋतिक को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों और ड्रोन की मदद ली गयी और काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चल सका।”
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि सीतापुर में भी इसी तरह के मामले सामने आए थे, जहां तीन वर्ष के दो अन्य बच्चे आर्यन और कार्तिक भी गायब हो गए थे।
अधिकारी ने बताया कि इन घटनाओं को जोड़ते हुए पुलिस ने अभय वर्मा, उमाशंकर और सोनिया उर्फ सुनीता को संदेह के आधार पर पकड़ा।
कुमार ने बताया, “जब पुलिस ने सुनीता से पूछताछ की तो पूरा राज खुल गया कि सभी बच्चों को तेलंगाना में बेचा गया था।”
उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस की एक टीम तेलंगाना भेजी गई, जहां उन्होंने ऋतिक को सफलतापूर्वक मुक्त करा लिया।
अधिकारी ने बच्चों को पांच-पांच लाख रुपये में बेचे जाने की पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि सीतापुर से लापता हुए दो अन्य बच्चों को मुक्त कराने के लिए पुलिस टीम जांच में जुटी है।