Thursday, July 31, 2025
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देवेंद्र फडणवीस नहीं, महाराष्ट्र के CM के तौर पर इस नेता को आगे करेगी BJP, केंद्र में निभा रहे बड़ी जिम्मेदारी

पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए सर्वसम्मत उम्मीदवार के रूप में उभर सकते हैं। राजनीतिक सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं। हालांकि मोहोल को राजनीतिक हलकों के बाहर व्यापक रूप से नहीं जाना जाता है। लेकिन अब उनके नाम की चर्चा तेज हो गई है। मराठा मुरलीधर मोहोल की आरएसएस में गहरी जड़ें हैं। संगठन के एक सक्रिय सदस्य मोहोल भाजपा के भी सदस्य है। उन्होंने पहले पुणे के मेयर के रूप में कार्य किया और वर्तमान में मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन और सहकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं।
 

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जहां देवेंद्र फडणवीस के नाम पर चर्चा हो रही है, वहीं विनोद तावड़े और राधाकृष्ण विखे-पाटिल जैसे नामों पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार मूल बीजेपी और आरएसएस में गहरी जड़ें रखने वाले किसी नेता पर विचार किया जाएगा। यह बात राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में किए गए हालिया बदलावों से साबित हुई है, जहां पार्टी की प्रगति के व्यापक लक्ष्य के लिए अप्रत्याशित नेतृत्व निर्णय लिए गए। फिलहाल फडणवीस का नाम भाजपा अध्यक्ष के लिए चर्चा में है। 
चर्चाओं के बीच ही मुरलीधर मोहोल ने एक्स पर तमाम खबरों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए मेरे नाम की चर्चा लगातार हो रही है, जो कि सही खबर नहीं है। हमने बीजेपी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी। हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस हैं। हमारी पार्टी के फैसले सोशल मीडिया से नहीं, बल्कि संसदीय बोर्ड में सर्वसम्मति से लिए जाते हैं। एक बार संसदीय बोर्ड में निर्णय हो जाने के बाद, पार्टी का आखिरी फैसला ही सबके लिए सर्वोच्च होता है. इसलिए सोशल मीडिया पर मेरे नाम की चर्चा निरर्थक है। 
 

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राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से महायुति गठबंधन को 230 सीटों का भारी जनादेश मिला। भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं, और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीटें जीतीं। ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने के बावजूद, महायुति गठबंधन मतगणना के सात दिन बाद भी अपने मुख्यमंत्री को लेकर अनिर्णीत है। अटकलें जारी हैं कि एकनाथ शिंदे असंतुष्ट हैं क्योंकि भाजपा उन्हें नियुक्त करने में अनिच्छुक दिख रही है। विनोद तावड़े और राधाकृष्ण विखे-पाटिल जैसे वैकल्पिक नामों पर भी विचार किया जा रहा है।
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