अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप रिटर्न्स के बाद से ही ताबड़तोड़ फैसलों की झड़ी होती दिख रही है। अमेरिका में ट्रंप ने कुर्सी सभालते हुए दुनिया के देशों को दी जाने वाली तमाम सहायता राशियों पर भी रोक लगा दी है। इसमें अमेरिका की ओर से फिलिस्तीन के गाजा में कंडोम के लिए दी जाने वाली सहायता भी शामिल है। फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कथित तौर पर प्रबंधन और बजट कार्यालय के एक अलग ज्ञापन की समीक्षा करते हुए कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिसिएंसी ने पाया है कि गाजा में कंडोम के लिए 50 मिलियन की राशि खर्च की गई। यह पूरी तरह फिजूल का खर्च था। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में वहां के प्रशासन ने एक मुस्लिम इलाके में कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए एक दो करोड़ नहीं बल्कि पूरे 50 मिलियन डॉलर की राशि खर्च कर दी। रुपये में यह राशि 4.32 अरब से अधिक है।
Condom को लेकर अब ट्रंप ने दे दिया कौन सा नया फैसला, गाजा में अमेरिका ने 4.32 अरब रुपए किस चीज पर कर दिए खर्च?
इस बीच, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने अपनी पहली ब्रीफिंग में कहा कि सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) और ओबीएम ने पाया कि लगभग 50 मिलियन डॉलर का करदाता डॉलर गाजा में कंडोम के वित्तपोषण के लिए गया था। अमेरिका की ओर से सहायता रोक केवल इज़राइल और मिस्र को छोड़कर यूक्रेन सहित सभी पर लागू हुई। दुनिया के सबसे बड़े दानदाता अमेरिका ने इजराइल और मिस्र के लिए आपातकालीन भोजन और सैन्य फंडिंग पर रोक नहीं लगाई। प्रेस सचिव ने कहा कि गाजा में कंडोम के लिए इतने पैसे खर्च करना पूरी तरह धन की बर्बादी है। उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप सरकार ने एक झटके में सभी तरह की फंडिंग पर रोक नहीं लगाई है।
अमेरिका को प्राथमिकता दूंगा
ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा था कि मैं हमेशा अमेरिका को प्राथमिकता दूंगा। हमारा देश अब समृद्ध होगा। आज से अमेरिका का स्वर्णिम युग शुरू हो रहा है। कार्यालय में वापसी करते ही ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि यहां का फॉरेन ऐड सेक्टर अमेरिकी हितों और मूल्यों के अनुरूप नहीं है। इससे कई ऐसी विदेशी नीतियों को बढ़ावा मिलता है, जो वैश्विक अस्थिरता में योगदान देते हैं।
क्या पड़ेगा दुनिया पर असर
ट्रम्प प्रशासन का विदेशी सहायता बंद करने का असर सबसे ज्यादा यूक्रेन पर पड़ेगा।
यूक्रेन को बीते साल अमेरिका ने 5 लाख करोड़ रुपए की सैन्य सहायता दी थी।
लीक रिपोर्ट में इसे रोकने या जारी रखने पर कोई बात नहीं कही गई है। बता दें कि कुल विदेशी सहायता में यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता शामिल नहीं है। यूक्रेन को हथियारों की शिपमेंट के लिए बाइडेन प्रशासन द्वारा प्रस्तावित 33 हजार करोड़
रुपए की सैन्य मदद पर भी ट्रम्प प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। ताइवान को दी जाने वाली प्रस्तावित 5 हजार करोड़ की सैन्य सहायता भी अधड़ में।
इजराइल को दी जा रही 60 हजार करोड़ रु. की सैन्य मदद जारी रखी गई है।
मित्र को बीते साल 12 हजार करोड़ की सैन्य मदद की घोषणा हुई थी। वहीं, अन्य जरूरतों के लिए अमेरिका हर साल 13 हजार करोड की मदद करता है। ये जारी रहेंगे।
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