Thursday, February 6, 2025
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फरवरी 2025 में पहला प्रदोष व्रत: महत्व और तिथियाँ

February First Pradosh Vrat 2025

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को भगवान शिव के प्रति समर्पित माना जाता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जिसमें दो प्रदोष व्रत होते हैं: एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में शिव पूजन करने से भक्त को उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

फरवरी 2025 का पहला प्रदोष व्रत:

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह व्रत 09 फरवरी 2025, रविवार को होगा। चूंकि यह व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है, इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

त्रयोदशी तिथि:

माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 09 फरवरी 2025 को शाम 07:25 बजे प्रारंभ होगी और 10 फरवरी 2025 को शाम 06:57 बजे समाप्त होगी।

रवि प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त:

इस दिन शिव पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 07:25 बजे से रात 08:42 बजे तक रहेगा।

त्रिपुष्कर योग का महत्व:

रवि प्रदोष व्रत के दिन त्रिपुष्कर योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। इस मुहूर्त में पूजा-पाठ करने से तीन गुना अधिक पुण्य प्राप्त होने की मान्यता है। त्रिपुष्कर योग 09 फरवरी को शाम 05:53 बजे से शाम 07:25 बजे तक रहेगा।

प्रदोष व्रत का महत्व:

प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत के माध्यम से भक्त को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, साथ ही यह स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और खुशहाली का भी प्रतीक माना जाता है।

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