गुइलेन बैरे सिंड्रोम (GBS) एक संक्रामक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो पुणे में तेजी से फैल रही है। इस बीमारी के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। GBS एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली उसकी ही तंत्रिका तंत्र पर हमला कर देती है। इसे आमतौर पर जीवाणु संक्रमण से जोड़ा गया है, खासकर कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी से। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह संक्रामक बीमारी नहीं है। हालांकि, यदि लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत इलाज कराना आवश्यक है।
जीबीएस से बचाव के लिए किन चीजों से करें परहेज
दिल्ली के एम्स में एमडी मेडिसिन डीएम न्यूरोलॉजी की विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका सहरावत ने GBS से बचने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी है। उनके अनुसार:
- बाहर का खाना: बाहर के खाने को पूरी तरह से अवॉइड करें। विशेष रूप से पनीर, चीज, और चावल का सेवन कम करें, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया तेजी से बढ़ सकते हैं।
- खाने की तैयारी: चावल, पनीर और चीज जैसी खाद्य वस्तुओं को खाने से पहले अच्छे से धोकर और सही तरीके से पकाना आवश्यक है।
- दूषित खाद्य पदार्थ और पानी: दूषित खाने और पानी से बचें।
इन बातों का रखें ध्यान
- खाने को ठीक से पकाना: सुनिश्चित करें कि खाद्य सामग्री को कम से कम 165 डिग्री फारेनहाइट के तापमान पर पकाया जाए, ताकि हानिकारक बैक्टीरिया समाप्त हो जाएं।
- हाथों की सफाई: पोल्ट्री और डेयरी उत्पादों को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छे से धोएं।
- अलग-अलग बर्तनों का उपयोग: कच्चे मांस और अन्य खाद्य वस्तुओं के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड और बर्तनों का प्रयोग करें, ताकि बैक्टीरिया फैलने से रोका जा सके।
- पाश्चुरीकृत उत्पादों का उपयोग: बिना पाश्चुरीकृत दूध और डेयरी उत्पादों से बचना चाहिए।
इन सावधानियों को अपनाकर आप GBS जैसी समस्याओं से बच सकते हैं और अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बना सकते हैं।