ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय सेना का बहुत बड़ा बयान सामने आया है। भारतीय सेना की रेंज में पूरा पाकिस्तान है। पाकिस्तान में कहीं भी हमला किया जा सकता है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने श की सैन्य तैयारियों और शस्त्रागार की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान की पूरी गहराई में जाकर लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। आर्मी एयर डिफेंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल इवान डी कुन्हा ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान द्वारा अपने जनरल आर्मी मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से इस्लामाबाद स्थानांतरित करने पर विचार करने की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही वे खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में चले जाएं, उन्हें एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।
इसे भी पढ़ें: भारत में रहकर पाकिस्तानी ISI के लिए काम कर रहे थे 12 जासूस, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पुलिस ने किया गिरफ्तार
लेफ्टिनेंट जनरल का ये बयान अपने आप में बहुत खास हो जाता है। हमने देखा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के लगभग 11 ऐसे सैन्य एयरबेस को नुकसान पहुंचाया गया। बाद में ये खबरें भी आई कि पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा शिफ्ट किया जाएगा। जिस पर लेफ्टिनेंट जनरल ने ये बयान दिया। उन्होंने कहा कि मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से उसकी पूरी गहराई में जाकर लड़ने के लिए पर्याप्त हथियार हैं। इसलिए, चाहे वह सबसे बड़ा हो या सबसे छोटा, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के अंदर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं से हो या अंदर से, हम पूरे पाकिस्तान से लड़ सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: ‘जासूस’ यूट्यूबर Jyoti Malhotra ने ‘आतंकवादी केंद्र’ पाकिस्तान-अफगान सीमा तक संपर्क स्थापित किया था…
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले किए और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया के बाद, भारत ने नूर खान एयर बेस सहित प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया और लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया। लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने आगे बताया कि पाकिस्तान ने चार दिनों में पश्चिमी सीमा पर लगभग 800-1000 ड्रोन तैनात किए, लेकिन भारतीय रक्षा बलों ने सेना, नौसेना और वायु सेना के समन्वित प्रयासों के माध्यम से खतरे को प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया।