Saturday, October 4, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयसोना तस्करी मामला : कर्नाटक के गृह मंत्री से जुड़े परिसरों पर...

सोना तस्करी मामला : कर्नाटक के गृह मंत्री से जुड़े परिसरों पर ईडी की छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव और अन्य के खिलाफ कथित सोना तस्करी संबंधी धन शोधन मामले की जांच के तहत कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर से जुड़े परिसरों पर बृहस्पतिवार को भी छापेमारी जारी रखी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि राज्य में सिद्धार्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज और सिद्धार्थ कॉलेज में छापेमारी जारी है।
प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को भी धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत राज्य में 16 स्थानों पर छापेमारी की थी।

यह छापेमारी हवाला ऑपरेटर और अन्य ऑपरेटर को निशाना बनाकर की गई जिन्होंने राव के खातों में कथित तौर पर फर्जी वित्तीय लेनदेन किए थे।
संघीय जांच एजेंसी ने राव के मामले सहित भारत में बड़े सोना तस्करी गिरोह के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कुछ महीने पहले पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।

निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि एक शैक्षणिक न्यास पर संदेह है कि उसने किसी प्रभावशाली व्यक्ति के निर्देश पर राव के क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 40 लाख रुपये का कथित तौर पर भुगतान किया।
राव को दुबई से आने के बाद तीन मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।

डीआरआई अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया और 14.2 किलोग्राम वजनी सोने की छड़ें जब्त कीं जिनकी कीमत 12.56 करोड़ रुपये से अधिक थी।

बेंगलुरु में आर्थिक अपराध मामलों की एक विशेष स्थानीय अदालत ने रान्या राव और सह-आरोपी तरुण कोंडुरु राजू को मंगलवार को जमानत दे दी थी।
अदालत ने निर्धारित अवधि के भीतर राजस्व आसूचना निदेशालय द्वारा आरोप-पत्र दाखिल करने में विफल रहने के मद्देनजर दोनों आरोपियों की वैधानिक (डिफॉल्ट) जमानत देने की अर्जी मंजूर कर ली।

तस्करी मामले में जमानत मिलने के बावजूद रान्या राव को कारागार में ही रहना होगा क्योंकि प्राधिकारियों ने उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण एवं तस्करी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1974 के तहत एक अलग मामला दर्ज किया है।

यह ऐसा कानून है जो तस्करी से निपटने और विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करने के लिए बनाया गया है।
इस अधिनियम के तहत इस प्रकार गतिविधियों में संलिप्तता के संदेह के आधार पर किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए, एक वर्ष तक हिरासत में रखा जा सकता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments