यूरोप को सुनाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद से पाकिस्तान के संबंधों को लेकर उस पर कड़ा प्रहार किया। गुरुवार को डच अख़बार डी वोल्कस्क्रांट को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि इस्लामाबाद को अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी नेटवर्क के बारे में जानकारी नहीं है। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना दोनों ही आतंकवाद में शामिल हैं। विदेश मंत्री नीदरलैंड में थे, जो यूरोपीय संघ में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वह भारत-डच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक कूटनीतिक यात्रा पर थे।
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दिनदहाड़े सक्रिय सबसे कुख्यात आतंकवादी पाकिस्तान में रहते है
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि वह सीमा पार आतंकवाद में पूरी तरह शामिल है और कुख्यात आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता है। गुरुवार को डच अखबार डी वोक्सक्रांट को दिए गए साक्षात्कार में जयशंकर ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि पाकिस्तान को अपनी धरती पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों के बारे में जानकारी नहीं है और कहा कि पाकिस्तानी सरकार और सेना दोनों ही आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की प्रतिबंध सूची में शामिल सबसे कुख्यात आतंकवादी सभी पाकिस्तान में हैं। वे बड़े शहरों में दिनदहाड़े सक्रिय हैं। उनके पते ज्ञात हैं। उनकी गतिविधियां ज्ञात हैं। उनके आपसी संपर्क ज्ञात हैं।” उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर से जुड़े आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया था। भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हुए सटीक हवाई हमले किए, जिसके बाद 10 मई को युद्ध विराम की घोषणा से पहले चार दिनों तक गहन सैन्य शत्रुता चली।
‘हम यह दिखावा न करें कि पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है’
जयशंकर ने कहा “हम यह दिखावा न करें कि पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है। राज्य इसमें शामिल है। सेना इसमें पूरी तरह से शामिल है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान से आतंकवादी हमले जारी रहे तो इसके “परिणाम” भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भारत के लिए पूरी तरह से अलग-अलग मामले हैं।
जयशंकर ने आतंकवाद पर यूरोप को उसके दोहरे चरित्र का आईना दिखाया
मंत्री ने कहा कि भारत पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद की समस्या का निश्चित रूप से अंत चाहता है। पाकिस्तान को “आतंकवाद का केंद्र” बताने के उनके पिछले बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं यह सुझाव नहीं दे रहा हूं, मैं यह कह रहा हूं।” उन्होंने डच अखबार से कहा, “मान लीजिए कि एम्स्टर्डम जैसे शहर के बीच में बड़े सैन्य केंद्र हैं, जहां सैन्य प्रशिक्षण के लिए हजारों लोग इकट्ठा होते हैं, तो क्या आप कहेंगे कि आपकी सरकार को इसके बारे में कुछ नहीं पता? बिल्कुल नहीं।” डच मीडिया के साथ पहले के एक साक्षात्कार में जयशंकर ने आतंकवाद, कश्मीर और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर भारत की स्थिति दोहराई। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “कश्मीर भारत का हिस्सा है। कोई भी देश अपने क्षेत्र के किसी हिस्से पर बातचीत नहीं करता है।”
पहलगाम हमला और भारत की आतंक के खिलाफ लगाई
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया के रूप में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके बाद भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 एयरबेसों में रडार बुनियादी ढांचे, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने की सहमति की घोषणा की गई। विदेश मंत्री जयशंकर 19 से 24 मई तक नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा पर हैं।