दलाई लामा के उत्तराधिकारी पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान से दूरी बनाते हुए विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, ‘भारत सरकार धर्म और उससे जुड़ी परंपराओं को लेकर किसी तरह का पोजिशन नहीं लेती और ना बोलती है। सरकार भारत में सबकी धार्मिक आजादी को कायम करती रही है और आगे भी ऐसा ही करेगी।’ रिजजू ने कहा था कि किसी को भी दलाई लामा के उत्तराधिकारी को तय करने का है। जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार आस्था और धर्म की मान्यताओं और प्रथाओं से संबंधित मामलों पर कोई रुख नहीं अपनाती है और न ही बोलती है। भारत की संवैधानिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा भारत में सभी के लिए धर्म की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है और ऐसा करना जारी रखेगी।
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वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच, दोनों पक्ष एक स्थिर कार्य संबंध बनाए रखने के इच्छुक प्रतीत होते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए 13 जुलाई को चीन का दौरा कर सकते हैं, जो 2022 की शुरुआत में वांग यी के भारत दौरे के बाद से किसी भी देश के विदेश मंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। जयशंकर ने कोविड के प्रकोप और 2020 में सैन्य गतिरोध की शुरुआत के बाद से चीन का दौरा नहीं किया है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पिछले महीने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए चीन का दौरा किया था। एनएसए अजीत डोभाल पिछले साल अक्टूबर में रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद से दो बार चीन का दौरा कर चुके हैं। सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि के रूप में, वांग खुद इस महीने डोभाल के साथ वार्ता के लिए भारत आने वाले हैं।