केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा केईएएम 2025 प्रवेश परीक्षा विवरणिका में अंतिम समय में किए गए बदलाव को बुधवार को ‘‘अवैध, मनमाना और अनुचित’’ बताते हुए रद्द कर दिया।
राज्य सरकार ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की और इस मामले पर बृहस्पतिवार को विचार होने की उम्मीद है।
न्यायालय ने यह आदेश सीबीएसई के छात्रों के उस समूह द्वारा दायर याचिका पर जारी किया, जो केईएएम (केरल इंजीनियरिंग, वास्तुकला और चिकित्सा प्रवेश परीक्षा) में बैठे थे।
उन्होंने दलील दी कि एक जुलाई को रैंक सूची प्रकाशित होने से ठीक एक घंटे पहले किए गए इस बदलाव से अभ्यर्थियों के अंतिम अंकों की गणना करने की विधि को बदल दिया गया।
अदालत ने कहा कि निर्णय का समय संदिग्ध प्रतीत होता है।
आदेश में न्यायमूर्ति डी.के. सिंह ने कहा कि परीक्षा के बाद रैंक सूची के प्रकाशन से एक घंटे पहले विवरणिका (प्रॉस्पेक्टस) में बदलाव पूरी तरह से अनुचित, अवैध और मनमाना है।
अदालत ने आदेश दिया कि 19 फरवरी की विवरणिका में निर्दिष्ट मूल फॉर्मूले का इस्तेमाल करके रैंक सूची को फिर से जारी किया जाए।
रिट याचिका का निपटारा करते हुए आदेश में कहा गया, ‘‘विवरणिका में बदलाव को रद्द किया जाता है।
प्रवेश परीक्षा आयुक्त को निर्देश दिया जाता है कि वह 19 फरवरी, 2025 को जारी की गई विवरणिका के अनुसार रैंक सूची प्रकाशित करें।’’
अदालत ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि किसी ने नतीजों को देखा और पाया कि केरल स्ट्रीम के छात्रों ने काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, और निर्वाचन क्षेत्र को संतुष्ट करने के लिए, एक जुलाई, 2025 को परिणाम के प्रकाशन से एक घंटे पहले विवरणिका को बदलने का मनमाने तरीके से ऐसा दुर्भावनापूर्ण निर्णय लिया गया है।