इजरायल से एक ऐसी खबर आई है जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। भारत के लोग भी ये समझ ही नहीं पाए कि इजरायल ने ये कैसा ऐलान कर दिया है। दरअसल, इजरायल की सेना अब इस्लाम की शिक्षा लेगी। कुरान पढ़ेगी और अरबी भाषा सीखेगी। इजरायली आर्मी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने अपने सभी खुफिया सैनिकों और अधिकारियों के लिए कुरान के अध्ययन को अनिवार्य बना दिया है। हिब्रू बोलने वाले इजरायल के सैनिकों और अधिकारियों के लिए अरबी भाषा सीखना अनिवार्य कर दिया गया है। अहम खबर यह है कि सामने आ रही जानकारी के अनुसार, इजराइल अब कुरान और अरबी भाषा को भी अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेगा।
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इजराइली सरकारी चैनल से मिली जानकारी के अनुसार, अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा इजराइल पर एक बड़ा हमला किया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि यह हमला खुफिया सेवाओं की गलती के कारण हुआ। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि सैन्य अधिकारी और मोसाद अधिकारी अरबी भाषा जानते होते तो हमला नहीं होता। इसलिए, अब इजरायल ने आदेश जारी किया है कि उसके अधिकारियों को जल्द से जल्द अरबी सीखनी होगी। जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार, इज़राइल चारों ओर से मुस्लिम देशों से घिरा हुआ है। इज़राइल के पड़ोसी देश जॉर्डन, तुर्की, सऊदी अरब, यमन और लेबनान जैसे देश हैं।
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अरबी भाषा बोलने वाले देशों में इज़राइल एकमात्र ऐसा देश है जहाँ हिब्रू भाषा बोली जाती है। इज़राइल और ईरान के बीच संघर्ष इस समय अपने चरम पर है और ऐसी स्थिति है कि ईरान कभी भी इज़राइल पर हमला कर सकता है। ईरान में कई लोग अरबी भी बोलते हैं, इसलिए इज़राइल ने अब अपने अधिकारियों पर यह भाषा थोप दी है। इजराइल के शीर्ष कमांडरों को अरबी भाषा का ज्ञान है, इसलिए वे इस भाषा का उपयोग करके दुश्मन की कई योजनाओं को समझ लेते हैं, लेकिन इजराइल में दूसरे दर्जे के सैनिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए अब उनके लिए अरबी भाषा अनिवार्य कर दी गई है।