हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बताया कि मानसून संबंधी आपदाओं से प्रभावित मंडी जिले की लगभग सभी प्रमुख सड़कों को फिर से खोल दिया गया है।
सुक्खू ने कहा कि संपर्क सड़कों को तेजी से बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
सिराज और नाचन विधानसभा क्षेत्रों के प्रभावित क्षेत्रों के तीन दिवसीय दौरे के बाद सुक्खू ने सुंदरनगर में संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए तेजी से काम किया है।
राज्य में 150 से अधिक ट्रांसफार्मर और 800 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं, जिनमें से 143 और 204 क्रमशः मंडी जिले में हैं।
मंडी के विभिन्न क्षेत्रों में 30 जून और एक जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने की 10 घटनाओं, उसके बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग लापता हो गए थे।
इस आपदा से व्यापक स्तर पर संपत्ति की क्षति भी हुई, जिससे 1,184 घर, 710 गौशालाएं और 201 दुकानें प्रभावित हुईं। इस आपदा में 780 पशु भी मारे गए।
सुक्खू ने बताया कि आपदा के पहले दिन से ही प्रभावित क्षेत्रों की सड़कें खोलने के लिए 50 जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं। उन्होंने कहा कि मंडी के धरमपुर क्षेत्र में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चैल चौक, बगस्याड़, थुनाग, जंजैहली और छतरी की ओर जाने वाली सड़क को केन्द्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) में शामिल किया जाएगा, ताकि इसे समग्र सड़क के रूप में विकसित किया जा सके।
उन्होंने राज्य के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों से भी आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव का समर्थन करें, ताकि स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाया जा सके।