कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राजनीतिक व्यंग्य से भरपूर एक बयान देकर एक बार फिर बवाल खड़ा कर दिया है, जिससे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ कथित सत्ता-साझेदारी समझौते की अटकलों को बल मिला है। केम्पेगौड़ा जयंती समारोह में बोलते हुए, शिवकुमार ने मुस्कुराते हुए कहा, “हम कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं… यहाँ कुर्सियाँ हैं, कृपया आकर बैठ जाएँ। कुर्सी पाना आसान नहीं है। इसलिए एक बार मिल जाए, तो उसे हथिया लेना ही होगा।”
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हालाँकि यह बयान हास्य-व्यंग के साथ दिया गया और दर्शकों ने इसे खूब सराहा, लेकिन इन टिप्पणियों ने कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए अंदरूनी खींचतान की सुगबुगाहट को फिर से हवा दे दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि 2028 में राज्य में पार्टी को फिर से सत्ता में लाना उनका काम है, न कि सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री पद जैसे मुद्दों पर चर्चा करना। लेकिन, शिवकुमार ने शनिवार को कुर्सी वाली टिप्पणी करके नई अटकलों को हवा दे दी।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर एक सवाल के जवाब में डीके शिवकुमार ने कहा, “पार्टी सही समय पर फैसला लेगी। मैं इस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता। यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिस पर पहले मीडिया में चर्चा हो। हमारा काम 2028 में पार्टी को फिर से सत्ता में लाना है।” यह टिप्पणी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद आई है। बैठक के बाद, सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन की किसी भी अफवाह को सिरे से खारिज करते हुए ऐसी अटकलों को निराधार बताया।