विमानन कंपनी एअर इंडिया ने हाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए बोइंग 787-8 विमान के ‘थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल’ (टीसीएम) को 2019 में जारी बोइंग के निर्देश के बाद पिछले छह साल में दो बार बदला था।
टीसीएम में ईंधन को नियंत्रित करने वाले स्विच शामिल होते हैं। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एआईआईबी) की शनिवार सुबह जारी की गई रिपोर्ट से पता चला था कि दोनों इंजन के ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकेंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे, जिसके कारण विमान की ऊंचाई में तत्काल कमी आ गई।
रिपोर्ट के अनुसार, इससे एअर इंडिया उड़ान संख्या 171 की कॉकपिट में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। पिछले महीने गुजरात के अहमदाबाद में हुए इस विमान हादसे में 260 लोग मारे गए थे।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बोइंग ने 2019 में ड्रीमलाइनर के सभी संचालकों के लिए एक संशोधित रखरखाव योजना दस्तावेज (एमपीडी) जारी किया था।
उन्होंने बताया कि एमपीडी के अनुसार, संचालकों के लिए हर 24,000 उड़ान घंटों के बाद टीसीएम बदलना अनिवार्य किया गया।
सूत्रों ने बताया कि 2019 में एमपीडी जारी होने के बाद से एअर इंडिया ने 2019 और 2023 में इस विमान का टीएमसी बदला था।
इस संबंध में एअर इंडिया से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई लेकिन उसने अभी तक प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं दिया है।
एमपीडी के बारे में विशिष्ट विवरण अभी पता नहीं चल सका है।
बोइंग को भेजे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए कंपनी के प्रवक्ता ने शनिवार को जारी अपने बयान का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि कंपनी जांच और एअर इंडिया का सहयोग करना जारी रखेगी।
प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए भेजे गए बयान में कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के प्रोटोकॉल, जिसे अनुलग्नक 13 के रूप में जाना जाता है, का अनुपालन करेंगे और एआई171 के बारे में जानकारी केवल विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) देगा।