कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि के एक मामले में लखनऊ की एक अदालत ने ज़मानत दे दी है। जानकारी के अनुसार, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा की अध्यक्षता वाली एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 20-20 हज़ार रुपये के दो मुचलके भरने पर राहत दी। यह मानहानि का मामला गांधी द्वारा अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सैनिकों के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों से जुड़ा है। अदालत के समन का पालन करते हुए, गांधी लखनऊ में सांसदों और विधायकों के लिए विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए।
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राहुल गांधी ने क्या कहा?
यह विवाद 16 दिसंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शुरू हुआ था। गलवान घाटी में हुई झड़पों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिक हमारे सैनिकों को पीट रहे हैं और कोई इस बारे में सवाल तक नहीं पूछ रहा है। उन्होंने आगे कहा था कि चीनी सैनिक हमारे सैनिकों को पीट रहे हैं। हालाँकि, भारतीय सेना ने कुछ दिन पहले ही 12 दिसंबर को एक आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कड़ा और माकूल जवाब दिया गया। बयान के अनुसार, चीनी सेना को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा और दोनों पक्षों को केवल मामूली चोटें आईं।
गांधी के खिलाफ मुकदमा किसने दायर किया?
गांधी की टिप्पणी के बाद, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एक अदालत में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। गांधी ने राहत के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की कथित पिटाई के बारे में गांधी के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। गौरतलब है कि राहुल गांधी पिछली पाँच सुनवाइयों से अदालत में पेश नहीं हो रहे थे।