छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को रायपुर की अदालत ने शराब घोटाला मामले में पांच दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया है। चैतन्य को शुक्रवार को उनके जन्मदिन पर छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित उनके आवास से ईडी अधिकारियों ने तड़के छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्हें छत्तीसगढ़ की शराब नीति से जुड़ी ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।
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वहीं, कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस अडानी की खनन और वनों की कटाई की गतिविधियों में बाधाएँ डाल रही है और जायज़ (आपत्ति) उठा रही है, इसीलिए हमारे ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई की जा रही है। दुर्ग जिले के भिलाई शहर में चैतन्य बघेल के घर पर ताजा छापेमारी के बादउनको धन शोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया। पिता-पुत्र दोनों एक ही जगह रहते हैं। घर के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे। वहीं कुछ पार्टी समर्थक भी वहां जमा थे। भूपेश बघेल ने कहा कि आज चैतन्य का जन्मदिन है।
सूत्रों ने बताया कि चैतन्य बघेल को धन शोधन रोधी अधिनियम की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया क्योंकि मामले में नये सबूत मिलने के बाद की गई छापेमारी के दौरान वह कथित तौर पर सहयोग नहीं कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि चैतन्य बघेल से कथित रूप से जुड़ी कंपनियों को कथित शराब घोटाले से अर्जित लगभग 17 करोड़ रुपये की अपराध आय प्राप्त हुई।’’ सूत्रों के अनुसार, लगभग 1,070 करोड़ रुपये की धनराशि के साथ ही चैतन्य बघेल की भूमिका भी एजेंसी की जांच के दायरे में है।
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ईडी ने दावा किया है कि घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम गई। बघेल (63) ने ‘एक्स’ पर एक संदेश पोस्ट किया जिसमें कहा गया कि विधानसभा सत्र के आखिरी दिन ईडी उनके घर आयी है, जब रायगढ़ जिले की तमनार तहसील में अदाणी समूह की कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाया जाना था।