प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि जिनको भारत का पक्ष नहीं दिखता, उनको आईना दिखाने के लिए मैं खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि यह भारत के ‘विजयोत्सव’ का एक सत्र है। जब मैं ‘विजयोत्सव’ की बात कर रहा हूं, तो मैं कहना चाहूंगा – ये ‘विजयोत्सव’ यह विजयोत्सव आतंकी मुख्यालय को मिट्टी मिलाने और सिंदूर का सौगंध पूरा करने का है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो क्रूर घटना घटी, जिस तरह आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोलियों से भून दिया, वह क्रूरता की पराकाष्ठा थी।
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मोदी ने कहा कि यह भारत को हिंसा की आग में झोंकने का एक सोचा-समझा प्रयास था। यह भारत में दंगे फैलाने की एक साजिश थी। आज मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूँ कि देश ने एकजुट होकर उस साजिश को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान जिस प्रकार से देश के लोगों ने मेरा साथ दिया, मुझे आशीर्वाद दिया, देश की जनता का मुझ पर कर्ज है। मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं, मैं देशवासियों का अभिनंदन करता हूं। मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि मैं इस सदन के समक्ष भारत का पक्ष रखने के लिए यहां खड़ा हूं। जो लोग भारत का पक्ष नहीं देख पा रहे हैं, मैं उन्हें आईना दिखाने के लिए यहां खड़ा हूं।
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहलगाम के बाद भारत लौटने पर उन्होंने एक बैठक बुलाई और आतंकवादियों को करारा जवाब देने का फैसला किया। उन्होंने आगे कहा, “हमें अपने सशस्त्र बलों पर भरोसा है और हमने उन्हें आतंकवादियों को उनकी कल्पना से परे सज़ा देने की पूरी छूट दी है।” मोदी ने सदन को आगे बताया कि पाकिस्तान को पता था कि भारत कुछ करने वाला है और उसने परमाणु धमकी देनी शुरू कर दी थी। हालाँकि, भारत ने योजना के अनुसार कार्रवाई की और पाकिस्तान कुछ नहीं कर सका। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय सुरक्षा बलों ने 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले का बदला 22 मिनट में ले लिया तथा उन स्थानों पर आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया जहां वे पहले कभी नहीं पहुंच पाए थे।