राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने हिज्ब उत-तहरीर (एचयूटी) के तीन आतंकी गुर्गों के खिलाफ प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की विचारधारा का प्रचार करने और अपनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के वास्ते विदेशी और अन्य स्रोतों से धन जुटाने की साजिश में शामिल होने को लेकर एक आरोपपत्र दाखिल किया है।
यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक आधिकारियों बयान से मिली।
इसमें कहा गया है कि मामले में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत दाखिल आरोपपत्र में कबीर अहमद अलियार उर्फ कबीर अहमद, अजीज अहमद उर्फ जलील अजीज अहमद और बावा बहरूदीन उर्फ मन्नई बावा का नाम शामिल है।
जांच एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है, आरोपियों ने भारत विरोधी ताकतों से सैन्य सहायता प्राप्त करके भारत में इस्लामी खिलाफत स्थापित करने और एचयूटी संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी द्वारा लिखे गए संविधान को लागू करने के लिए एचयूटी पदाधिकारियों के साथ आपराधिक साजिश रची थी।’’
जांच से पता चला कि तीनों ने हज और उमराह यात्रियों के माध्यम से पाकिस्तानी सेना से सहायता प्राप्त करने की भी योजना बनाई थी।
एनआईए ने कहा, ‘‘आरोपी एचयूटी के गुप्त बयान कक्षाओं में युवाओं की भर्ती करने में संलिप्त थे और उन्हें एचयूटी की विचारधारा में कट्टरपंथी बनाया गया था, जिसे पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार द्वारा इसके सभी संगठनों के साथ प्रतिबंधित कर दिया गया था।’’
आरोप पत्र में कहा गया है कि आरोपियों ने ईरान, तुर्की, मिस्र और पाकिस्तान जैसे इस्लामी देशों की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी आयोजित की थी, जिसका उद्देश्य उन्हें भारत की वैध तरीके से स्थापित सरकार को हिंसक जेहाद और युद्ध के माध्यम से उखाड़ फेंकने के लिए आमंत्रित करना था।