केंद्रीय गृह मंत्रालय की राष्ट्रव्यापी पहल ‘ऑपरेशन मुस्कान’-11 के तहत जुलाई महीने में तेलंगाना में 7,678 बच्चों को मुक्त कराया गया, जिनमें 6,000 से ज्यादा बच्चों से बालश्रम कराया जा रहा था। कुल 28 संभागीय टीमों को व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, निर्माण स्थलों, यातायात जंक्शनों, बस और रेलवे स्टेशनों तथा बच्चों के शोषण के संदिग्ध अन्य स्थानों का निरीक्षण करने के लिए तैनात किया गया था। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ) चारु सिन्हा ने एक विज्ञप्ति में बताया कि राज्य में रेलवे और बस स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, ईंट भट्टों, मैकेनिक की दुकानों, निर्माण स्थलों, चाय की दुकानों समेत कई स्थानों की पहचान की गई और 12 राज्यों के कुल 7,678 बच्चों (7149 लड़के और 529 लड़कियां) को बचाया गया, जिनमें नेपाल के चार बच्चे भी शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि इस अभियान में 1,713 प्राथमिकी दर्ज की गईं और 1,718 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 6,593 बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया गया जबकि 1,049 बच्चों को आश्रय गृहों में भेजा गया।
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बचाए गए बच्चों में 1,173 लड़के और 74 लड़कियाँ थीं। बचाए गए बच्चों में से 673 तेलंगाना के मूल निवासी हैं, जबकि 560 अन्य राज्यों के हैं। गौरतलब है कि 14 बच्चे नेपाल के पाए गए, जो इस मुद्दे की सीमा पार प्रकृति को दर्शाता है।
इस अभियान के तहत, पुलिस ने अवैध बाल श्रम में लिप्त नियोक्ताओं के खिलाफ 55 प्राथमिकी दर्ज कीं। इसके अलावा, 939 मामले दर्ज किए गए और उल्लंघनकर्ताओं पर 47,75,921 रुपये का जुर्माना लगाया गया।