नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि “मौजूदा गठबंधन जारी रहेगा, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।” फड़णवीस आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित होने जा रहे ‘आप की अदालत’ शो में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे।
फडणवीस ने कहा: “सबसे पहले, मैं यह कहना चाहता हूं कि (एकनाथ) शिंदे जी नाखुश नहीं हैं, और हमारी सरकार पूरी ताकत और समन्वय के साथ पांच साल तक चलेगी। जहां तक उद्धव जी का सवाल है, मैंने विधानसभा में उनसे मज़ाक में कहा था, “अगर इधर आना है, तो आपके लिए विचार करेंगे।” ऐसा मैंने मजाक में कह दिया, कोई ऑफर नहीं दिया था। मैंने मजाक किया तो उसकी खबरें बन गईं। अभी ऑफर देने का कोई सवाल ही नहीं है। क्योंकि हमारे पास जगह नहीं है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में हमारे साथ 232 सदस्य हैं और ऐसे में दूसरों के लिए कोई जगह नहीं बची है।”
रजत शर्मा: अगर जगह नहीं है, तो आप उनसे बंद कमरे में 20 मिनट तक क्या बात कर रहे थे?
फडणवीस: हम खुले कमरे में खुले दिल से बात कर रहे थे। वह एक प्रतिनिधिमंडल के साथ आए थे… वे चाहते थे कि कम संख्या होने के बावजूद विपक्ष के नेता का पद उन्हें दिया जाए… पहले उद्धव जी और आदित्य आए, फिर उन्होंने दूसरों को बुलाया। हम 15-20 मिनट बैठे, मैंने चाय पी, आदित्य ने कॉफ़ी पी, उन्होंने (उद्धव) नहीं पी। और वे चले गए।”
देवेंद्र फडणवीस ने कहा: “मेरे सभी के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम दल बदल लेंगे, यही चलेगा और यही कॉम्बिनेशन चलेगा। कोई बदलाव नहीं होगा।”
रजत शर्मा: तो क्या शिंदे जी को पेट दर्द नहीं होगा और वे इलाज के लिए ठाणे नहीं जाएंगे?
फडणवीस: “मुंबई में अच्छे अस्पताल हैं और आजकल उन्हें पेट दर्द नहीं होता।”
रजत शर्मा: क्या आपको लगता है कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र विकास आघाड़ी से बाहर आ जाएंगे?
फडणवीस: “वे कुछ भी कर सकते हैं, वे बाहर आ सकते हैं। उद्धव जी ऐसे व्यक्ति हैं जिनके बारे में कोई नहीं कह सकता कि वे क्या फैसला लेंगे। कभी-कभी मुझे लगता है कि वे खुद भी नहीं बता सकते कि वे क्या करेंगे। वे अचानक फैसले लेते हैं। मुझे लगता है कि वे अभी वहीं रहेंगे, लेकिन मैं पूरे विश्वास के साथ यह नहीं कह सकता, क्योंकि वे अपने फैसले खुद लेते हैं।”
रजत शर्मा: आपके कहने का मतलब यह है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में कोई उथलपुथल या तूफान नहीं आने वाला है?
फड़नवीस: “नहीं, अभी तो मुझे दिखाई नहीं पड़ेगा। सारे तूफान हमने रोक दिए।”
चाचा-भतीजा, वॉशिंग मशीन
जब रजत शर्मा ने पूछा कि क्या चाचा (शरद पवार) और भतीजा (अजित पवार) फिर से एक साथ आएंगे, तो फडणवीस ने जवाब दिया: “केवल चाचा और भतीजा ही इस बारे में बता सकते हैं। बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना क्यों बनूं मैं? वो तो वो ही बताएंगे”।
यह पूछे जाने पर कि 80 घंटे की सरकार बनाने के लिए उन्होंने चाचा से भतीजा कैसे चुराया, फडणवीस ने जवाब दिया: “हमने चाचा शरद पवार जी से बात करने के बाद 80 घंटे की सरकार बनाई। जब हमें एहसास हुआ कि चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे जी ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है, तो चाचा जी ने हमारे पास दूत भेजे। हमने सोचा, चूंकि हमें गंदी राजनीति का निशाना बनाया जा रहा है, इसलिए हमें जिंदा रहने की जरूरत है। हमने चाचा जी से बात की और उनकी सहमति से सब कुछ तय किया गया। पता नहीं चाचा जी क्यों पलट गए।…. चाचा जी पलटे। भतीजे ने कहा कि चाचा जी पलट गए, लेकिन मैं आपके साथ हूं, तो हम लोगों ने शपथ ले ली।”
यह पूछे जाने पर कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली में सार्वजनिक रूप से कहा था कि अजित पवार 70 हज़ार करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल हैं, तो उन्होंने उन्हें क्यों शामिल किया, फडणवीस ने जवाब दिया: “हम कभी भी एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहते थे। हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन राजनीति में कभी कभी प्रासंगिक बने रहने का समय आता है… जब उद्धव जी ने हमें धोखा दिया, तो हमने प्रासंगिक बने रहने के लिए समझौता करने का फैसला किया। मैं आपको बता दूं कि हमने सरकार बनाने के लिए समझौता किया, लेकिन हमने अपनी विचारधारा नहीं छोड़ी। हम विचारधारा के आधार पर अपनी सरकार चलाते रहेंगे। युद्ध में, अगर आप प्रासंगिक नहीं रहेंगे, तो आप खत्म हो जाएंगे, और आप चुपचाप बैठकर देख सकते हैं। मैंने कहा था कि हम एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन हमें अपना रुख बदलना पड़ा।”
रजत शर्मा: यह अच्छी बात है कि आपने स्पष्ट जवाब दिया, लेकिन आप उन लोगों के साथ गठबंधन कैसे कर सकते हैं जो ईडी, सीबीआई, आयकर जांच का सामना कर रहे हैं?
फडणवीस: “एक भी जांच नहीं रुकी है। जो लोग हमारे साथ आए उनकी कई संपत्तियां ज़ब्त कर ली गई। मोदी जी की सरकार में हम भाई हो या दुश्मन, किसी को नहीं छोड़ते… ये एक राजनीतिक समझौता था और वो जांच आज भी चल रही है… मोदी जी जैसे व्यक्ति के साथ कोई सौदा नहीं कर सकता। मोदी जी ऐसे व्यक्ति नहीं हैं। अजित पवार जी बिना शर्त हमारे यहां शामिल हुए हैं..लेकिन न्यायिक प्रक्रिया में कोई दखल नहीं होगा। न्यायिक प्रक्रिया जारी रहेगी।”
रजत शर्मा: तो लोग कहेंगे कि बीजेपी वॉशिंग मशीन है और कोई भी बेदाग निकल सकता है?
फडणवीस: “उसका उल्टा भी हो सकता है। जब वे लोग उनके साथ होते हैं, तो वे अच्छे होते हैं, और जब वे हमारे साथ जुड़ते हैं, तो कहते हैं, वॉशिंग मशीन में चला गया। जब वे आपके साथ थे, तो वे अच्छे थे, आप उसके चुम्मे (किस) भी लेते थे, उसको गले लगाते थे, और हमारे पास आए, तो कहते हैं, वॉशिंग मशीन है। आप इसे दोनों तरह से देख सकते हैं। पर हम किसी को धोएंगे नहीं, और धोएंगे तो ठीक ढंग से धोएंगे।”
उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे द्वारा अपने पार्टीजनों को भाजपा नेताओं की शादियों में न जाने और न ही उन्हें आमंत्रित करने की सलाह पर, क्योंकि वे दुल्हन को लेकर भाग सकते हैं, देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया: “उनके साथ समस्या यह है कि वह जिसकी भी शादी में जाते हैं, खुद को दूल्हा समझने लगते हैं और दूल्हे को जो अटेंशन मिलता है, उससे ज्यादा अटेंशन उन्हें दिया जाना चाहिए। उद्धव जी की पार्टी को सबसे पहले 1992 में शरद पवार जी ने तोड़ा था, जब बालासाहेब ठाकरे जीवित थे और छगन भुजबल के साथ 13 नेताओं ने शिवसेना छोड़ दी थी। उन्हीं शरद पवार जी के साथ उद्धव जी ने गठबंधन किया और मुख्यमंत्री बने। इसलिए वह शिवसेना या एनसीपी में फूट के लिए हमें दोष नहीं दे सकते। एकनाथ जी (शिंदे) एक कट्टर शिवसैनिक थे, वह कभी साथ न छोड़ते।….यही एनसीपी के साथ हुआ. शरद पवार जी के उत्तराधिकारी के रूप में इतने सालों से अजित पवार को देखा जाता था. लेकिन पिछले कुछ सालों में सुप्रिया जी (सुले) को उत्तराधिकारी के तौर पर पेश किया गया. … अजित पवार को एहसास हो गया था कि उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी क्योंकि उन्हें खलनायक बनाया जा रहा था। इसलिए दोनों पार्टियां जो टूटी, इनकी अंदरूनी महत्वाकाक्षाओं के कारण टूटी. “
रजत शर्मा: लेकिन मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे के पास पूरी मशीनरी, पुलिस, इंटेलीजेंस था, फिर भी उनकी नाक के नीचे से विधायक निकाल कर ले गए ?
फडणवीस: “इसका कारण यह है कि उद्धव जी का अपने विधायकों के साथ संपर्क टूट गया था। उनके विधायक उनसे मिल भी नहीं पाते थे और उन्हें गेट से ही वापस भेज दिया जाता था। इनमें वे नेता भी थे जो सालों से बालासाहेब ठाकरे के साथ थे। …फिर उद्धव जी ने कांग्रेस का तुष्टिकरण शुरू कर दिया, और विधायक घुटन महसूस करने लगे। उद्धव जी जिस मंजिल पर रह रहे थे, उनकी जमीन नहीं दिख रही थी, इसी लिए लोग निकल गए. “
रजत शर्मा: आपने ज़रूर उन्हें जाने में मदद की होगी?
फडणवीस: “राजनीति में हम सिर्फ़ कंचे खेलने के लिए तो नहीं बैठे … यह एक राजनीतिक मौका था जिसका हमने पूरा फायदा उठाया।”
रजत शर्मा: क्या यह सच है कि फडणवीस लोगों से मिलने के लिए लंबा कोट, काला चश्मा और शर्लक होम्स जैसी टोपी पहनते थे?
फडणवीस: “ऐसा एक-दो बार हुआ होगा। लेकिन मेरी पत्नी ने एक इंटरव्यू में मज़ाक में कुछ कह दिया था, जो मुझे नहीं पता। इसलिए यह खबर बन गई कि फडणवीस लंबा कोट पहनते थे।”
रजत शर्मा: एकनाथ शिंदे ने आपसे कब संपर्क किया?
फडणवीस: “जब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र की सीमा से बाहर चले गए, तब उन्होंने मुझसे संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘मैं निकल चुका हूं।’ मैंने कहा, ‘मैं हूं, चिंता मत करिए, निकलिए।’
रजत शर्मा: देखिए, वे निकल गए. बारात सज गई छी. घोड़ी आ गई. घोड़ी को चने भी खिला दिया. दूल्हा देवेंद्र फडणवीस को होना था, लेकिन शिंदे जी बैठ गए कुर्सी पर ?
फडणवीस: (हंसते हुए) : “मैं साफ़ शब्दों में कह दूं. पहले दिन से ही यह तय था कि चूंकि शिंदे जी ने हिम्मत के साथ यह सारा जो काम किया, एसे समय में उनको ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, क्योंकि उनके साथ जो लोग आए हैं, उनको भी कॉन्फिडेंस मिलना चाहिए. इसलिए पहले ही दिन से तय था कि मुख्यमंत्री शिंदे जी ही बनेंगे. इसमें कोई दो राय नही थी. मेरे मन में भी इसे लेकर कोई शंका नहीं थी. अगर आप मेरे नेता को पूछेंगे तो मैने ही सबसे पहले प्रस्ताव रखा था कि शिंदे जी को अगर मुख्यमंत्री बनाएं, तो सरकार मजबूती से चलेगी. सरप्राइंजिंग मेरे लिए ये जरूर था कि उस सम मैं यह मानता था कि मैं सरकार से बाहर रहूंगा, लेकिन मेरी पार्टी ने निर्णय किया कि सरकार अगर चलानी है तो अपना प्रमुख आदमी भी अंदर चाहिए. उस समय थोडा मुझे अटपटा लगा लेकिन बाद मे मुझे ध्यान आया कि मेरे नेताओं का निर्णय सही था क्योंकि सरकार अंदर रह कर चलती है, बाहर से नहीं चल सकती और मैं अंदर गया, इसलिए मजबूती के साथ वह सरकार चला पाए और वापस चुन कर आए. “
रजत शर्मा: लेकिन शिंदे जी को तो बड़ी उम्मीद थी कि उनको फिर से मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा, आप फिर से डिप्ती सीएम बन जाएंगे ?
फडणवीस: “शिंदे जी राजनीति को समझते हैं। बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा ज़रूरी था, और भाजपा ने 137 सीटें जीती थी। शिंदे जी को एहसास हुआ कि जब कोई पार्टी बहुमत के करीब इतनी सीटें जीत ले, तो उसे अपने नेता को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, वरना कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा। जब बैठक में हमारे वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा से होगा, तो शिंदे जी ने तुरंत कहा, “मैं समझता हूं, आपने इतनी सीटें जीती हैं। भाजपा डिजर्व करती है, आप इसके हक़दार है।”
रजत शर्मा: लेकिन शिंदे जी अब कह रहे हैं, “मुझे हल्के में मत लो, मैं तांगा पलट दूंगा?”
फडणवीस: “नहीं, वह मुझे नहीं कह रहे हैं. उद्धवजी को कहा. उनका तांगा पलटा. उनको कह रहे थे. “
रजत शर्मा: लेकिन उनका तांगा तो बहुत पहले ही पलट चुका था. फनके तो सब घोड़े बी भाग गए. अब तो इस वाले तांगे के बारे में…..?
फडणवीस: “नहीं, वो अब भी कभी कभी हल्के में बोल लेते हैं. शिंदे जी तो उनको याद दिला रहे थे कि अभी भी तांगा पटने की मेरी ताकत है. “
जागो हिंदू जागो, औरंगज़ेब
जब रजत शर्मा ने चुनाव के दौरान चलाए गए “जागो हिंदू जागो” वीडियो का ज़िक्र किया, तो देवेंद्र फडणवीस ने शो में पूरा गाना सुनाया और कहा: ” वास्तव में ये कोई मेरी कविता नहीं है. यह जो गीत है, यह राम जन्मभूमि आंदोलन के समय का गीत है, मैं आंदोलन में गया था, जिस समय राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ, उस समय मैने यह गीत गाया वापिस इतने सालों के बाज. और वह रिकार्ड होकर वायरल हो गया और चुनाव में भी वो चला. आपको यो पता है आजकल रिकॉल वेल्यू होती है.
रजत शर्मा: आप कह रहे हैं, जागो हिंदू जागो, तो मुसलमानों से भी यही बात क्यों नहीं कहते?
फडणवीस: “वो सोए नहीं हैं, वो सोते ही नहीं हैं।”
चुनावों के दौरान उनकी इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि जहां बादशाह औरंगज़ेब की मृत्यु हुई थी, वहां एक कुत्ता भी पेशाब नहीं करेगा, फडणवीस ने जवाब दिया: “मैंने कहा था, औरंगज़ेब की पहचान पर कोई कुत्ता भी पेशाब नहीं करेगा। हिंदुस्तान में तो भगवा लहरा ही रहा है, अब तो पूरे पाकिस्तान पर भी भगवा लहराएगा। हिंदुस्तान पर तो भगवा है ही “यह पूछे जाने पर कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा कि जो लोग औरंगज़ेब की तस्वीर की पूजा करते हैं, वे औरंगजेब की “औलाद” हैं, फडणवीस ने जवाब दिया: “बिल्कुल सही बात कही मैंने। औरंगज़ेब कभी हमारे हीरो नहीं हो सकते। वे बाहर से आये हुए लोग थे, वे इस धरती पर पैदा नहीं हुए थे। औरंगज़ेब ने धर्म के नाम पर हमारे लोगों पर अत्याचार किए, लोगों को मारा गया, मंदिरों को तोड़ा। वह कभी हमारे हीरो नहीं हो सकते। वह भारतीय मुसलमानों के लिए भी हीरो नहीं हो सकते, क्योंकि मुसलमान, भले ही उन्होंने एक अलग पूजा पद्धति अपना ली हो, वो एक जमाने में इसी भारत की मिट्टी से पैदा हुए हैं। औरंगज़ेब की औलादें इस मिट्टी की नहीं है। ये बाहर से आई हुई औलादें हैं, इसलिए वे इस देश के हीरो नहीं हो सकते, जो औरंगजेब की बात करेगा, उसको हम गाली देंगे ।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ “आप की अदालत” आज रात 10 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित होगा। इस शो का रविवार को सुबह 10 बजे और रात 10 बजे दोबारा प्रसारण किया जाएगा।