आगामी विश्व चैंपियनशिप के चयन ट्रायल में वैष्णवी पाटिल अपनी गति और मैट पर दबदबे के साथ छाई रहीं। उन्होंने अगले महीने जगरेब में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए महिलाओं के 65 किग्रा वर्ग में राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए अपनी प्रतिद्वंद्वियों को एक-एक करके मात दी।
उनकी रणनीतिक कुशलता और मजबूत डिफेंस को देखते हुए यह विश्वास करना मुश्किल है कि उन्होंने केवल चार साल ही मैट कुश्ती में बिताए हैं।
मुंबई के कल्याण में एक ढाबा मालिक की बेटी वैष्णवी ने हालांकि काफी देर से शुरुआत की लेकिन वह इससे दोगुनी तेजी से देश में शीर्ष स्तर पर पहुंच गई हैं।
वैष्णवी ने ट्रायल के फाइनल में मुस्कान को 7-2 से हराने के बाद कहा, ‘‘मैंने 2020 के अंत में मैट कुश्ती शुरू की। उससे पहले मैं सिर्फ मिट्टी की कुश्ती ही करती थी। जब मैंने 2016 रियो में साक्षी मलिक को पदक जीतते देखा तो मैंने तय कर लिया कि मुझे क्या करना है, मैं बस इसी खेल को अपनाना चाहती हूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता एक ढाबा चलाते हैं और मेरी मां गृहिणी हैं। मेरे माता-पिता मेरे लिए सब कुछ संभाल रहे हैं। महाराष्ट्र में ज्यादा अच्छी अकादमियां नहीं थीं तो मैं हिसार आ गई। ’’
बाईस साल की वैष्णवी सुशील कुमार अखाड़े में कोच जसबीर के अधीन प्रशिक्षण ले रही हैं।
वैष्णवी 2016 ओलंपिक चैंपियन, तोक्यो (2021) और पेरिस खेलों (2024) की कांस्य पदक विजेता और सात बार की विश्व पदक विजेता अमेरिकी पहलवान हेलेन मारौलिस को अपना आदर्श मानती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वह एक बेहतरीन पहलवान है। मैं यूट्यूब पर उनके मुकाबले देखती हूं। मैं अपने और देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। मुझे विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने का पूरा भरोसा है और अंततः मैं ओलंपिक पदक जीतना चाहती हूं।