झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद एक मिनट का मौन रखा गया। वहीं, विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों की तरह सोमवार को भी लोकसभा में हंगामा किया। दोपहर 2 बजे लोकसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए फिर से शुरू हुई, लेकिन जैसे ही सरकार ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 पेश करने का प्रयास किया, विपक्ष ने सदन में अपना विरोध जारी रखा और दिन भर की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
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लोकसभा में विपक्षी सांसदों के नारे लगाने पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आज सदन की स्थिति देखकर मुझे दुख हुआ। सभी दलों ने मिलकर राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक पर चर्चा करने और उसे पारित करने का फैसला किया था। विपक्ष के अनुरोध पर, हम इन विधेयकों पर चर्चा के लिए दो दिन आवंटित करने पर सहमत हुए। अब जब हम खिलाड़ियों के लिए यह महत्वपूर्ण विधेयक लाए हैं, तो विपक्ष व्यवधान पैदा कर रहा है… खेल मंत्री भी चर्चा के लिए तैयार हैं… आप न केवल वह नहीं कह रहे हैं जो आप कहना चाहते हैं, बल्कि सदन का समय भी बर्बाद कर रहे हैं।
– केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में 10 वर्ष के दौरान 17 करोड़ से अधिक युवाओं को नौकरियां तथा रोजगार मिले, वहीं विकसित भारत रोजगार योजना के तहत पांच साल में चार करोड़ से अधिक रोजगार निर्माण की योजना है। उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा के पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
– लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सदन में हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि नारेबाजी करना, तख्तियां लहराना और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास उचित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि नियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही को बाधित किया जा रहा है।
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– उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने सोरेन के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि 11 मई 1944 को झारखंड के हजारीबाग जिले के निमरा गांव में जन्मे सोरेन ने वहीं के गोला हाईस्कूल से मैट्रिक तक की शिक्षा ली। उन्होंने कहा कि पेशे से किसान सोरेन जाने माने आदिवासी नेता थे। हरिवंश ने कहा, ‘‘बिशोम गुरू कहे जाने वाले सोरेन आम लोगों के बीच गुरूजी के नाम से लोकप्रिय थे। सोरेन जमीनी कार्यकर्ता थे जिनकी झारखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन में अहम भूमिका थी।’’