इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की इमरजेंसी बैठक बुलाकर गाजा में हमास की कैद में मौजूद बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की। यह बैठक उस विडियो के बाद हुई, जिसमें 24 वर्षीय बंधक को अपनी कब्र खुद खोदते हुए दिखाया गया है। बैठक में इस्राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने आरोप लगाया कि हमास ने बंधकों को भूखा रखा है जबकि हमास खाद्य सामग्री को लूट रहा है और उन्हें बेचकर पैसे कमा रहा है। वहीं, गाजा में भुखमरी की स्थिति को लेकर अधिकांश देशों ने इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया। वहीं 5 अगस्त को इस्राइली गोलाबारी और हवाई हमलों में 65 फलस्तीनी मारे गए, जिनमें से 56 लोग सहायता वितरण केंद्रों के पास इंतजार कर रहे थे।
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68 फलस्तीनियों की मौत
यूएन ने दावा नकारा संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने इस्त्राइली दावे को नकारते हुए कहा कि हमास द्वारा सहायता सामग्री लूटने के ठोस प्रमाण नहीं हैं। फलस्तीनी पक्ष और यूएन के कई सदस्य इस्राइली नाकेबंदी को गाजा में खाद्य संकट की वजह मानते हैं। वहीं, ब्रिटेन ने बंधकों की परेड को घृणित बताया। परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क पहुँचे इज़राइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने रूस और अन्य अनाम परिषद सदस्यों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया पर “बहुत सारे झूठ” फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने दक्षिणी इज़राइल में 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमलों के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को हमास और इस्लामिक जिहाद द्वारा भूखा मारने की ओर इशारा किया, जबकि आतंकवादी मांस, मछली और सब्ज़ियों का आनंद ले रहे थे।
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सार ने ज़ोर देकर कहा कि इज़राइल गाज़ा में भारी मात्रा में सहायता पहुँचा रहा है, और हमास पर खाद्य सामग्री और अन्य वस्तुओं को लूटने और उन्हें बेचकर पैसा कमाने के लिए वित्तीय साधन के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक ने कहा है कि इसका कोई सबूत नहीं है। इज़राइल के शीर्ष राजनयिक ने फ़िलिस्तीनियों पर आतंकवाद का आविष्कार करने और हमास पर युद्धविराम पर पहुँचने के बजाय इज़राइल के ख़िलाफ़ युद्ध जारी रखने का आरोप भी लगाया।