पाकिस्तान का वो सूबा जो न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि उसके फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है। बलूचिस्तान में लगातार पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होते आ रहे हैं। लेकिन हाल ही के दिनों में कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो रहे हैं। उन वीडियोज को बलूचिस्तान के नेता मीर यार बलोच ने भी शेयर किया है। उन्होंने कहा है कि किस तरीके से पाकिस्तानी सेना अपना बोरिया बिस्तर लेकर भाग रहे हैं। रिपबल्किन ऑफ बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना ने टैंक उतार दिए हैं। बलूचिस्तान फ्रीडम फाइटर्स की दलेरी देख आसिम मुनीर इतना बौखला गए हैं कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान में आजादी की चिंगारी बुझाने के लिए भेज दिया। लेकिन उसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों के साथ जो हुआ उसे देखकर भारत खुश हो जाएगा।
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ये तस्वीरें अमेरिका को हिलाकर रख देंगी। अमेरिका इसलिए टेंशन में आ जाएगा क्योंकि आसिम मुनीर हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप को बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का लालच देकर आए हैं। लेकिन ये नहीं बताकर आए कि जिस बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना और चीन तक नहीं टिक पाया। वहां अमेरिका क्या ही कर लेगा। आसिम मुनीर अमेरिका से बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकी संगठन घोषित करवा आए। लेकिन अब इसकी कीमत पाकिस्तान के सैनिकों को चुकानी पड़ रही है। बलूचों ने पाकिस्तानी सैनिकों की ऐसी हालत की है कि वो कपड़े छोड़कर भाग रहे हैं।
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बलूच एक्टिविस्ट मीर यार बलोच ने दावा किया है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के 6 हजार से ज्यादा सैनिकों ने बलूचिस्तान में ड्यूटी करने से मना कर दिया। ये हजारों सैनिक बलूचिस्तान से पोस्टिंग और ट्रांसफर चाहते हैं। इसे से घबराकर आसिम मुनीर ने बलूचिस्तान की सड़कों पर टैंक उतार दिए हैं। लेकिन इससे बलूचिस्तान में आजादी की जंग और भी ज्यादा भड़क जाएगी। विदेश में रहने वाले एक पाकिस्तानी पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूच रिपब्लिकन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना पर भयंकर हमले शुरू कर दिए हैं। पिछले 9 महीनों में 200 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक बलूचों के हमलों में मारे गए हैं। हालांकि असली आंकड़ा 500 से ज्यादा बताया जा रहा है। बलूचों के साथ साथ पश्तून भी अब पाकिस्तानी सेना पर हमले कर रहे हैं। कुछ दिन पहले टीटीपी के लड़ाकों ने पाकिस्तानी सेना की गाड़ी को कब्जे में ले लिया। उसके सामने बैठकर चाय पीने लगे।
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दरअसल, 1990 के दशक में तेल को लेकर जो जंग मिडिल ईस्ट में शुरू हुई थी वैसी ही जंग इस बार बलूचिस्तान में शुरू हो गई है। लेकिन इस बार लड़ाई तेल की नहीं बल्कि रेयर अर्थ एलिमेंट की है। 20वीं शताब्दी तेल के नाम थी लेकिन कहा जा रहा है कि 21वीं शताब्दी रेयर अर्थ मिनिरल्स के नाम होगी। बलूचिस्तान इस वक्त रेयर अर्थ एलिमेंट के ढेर पर बैठा है। इस खजाने में अमेरिका को भी हिस्सा चाहिए।