Monday, October 20, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयन्यायालय ने धन शोधन मामले में पत्रकार की जमानत याचिका पर गुजरात...

न्यायालय ने धन शोधन मामले में पत्रकार की जमानत याचिका पर गुजरात सरकार, ईडी से जवाब मांगा

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को गुजरात सरकार और प्रवर्तन निदेशालय से पत्रकार महेश लांगा की कथित वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में जमानत का अनुरोध करने वाली याचिका पर जवाब मांगा।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने से इनकार करने को चुनौती देने वाली लांगा की याचिका पर नोटिस जारी किया, लेकिन सवाल किया कि वह किस तरह के पत्रकार हैं।

पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा, ‘‘वह किस तरह के पत्रकार हैं?’’
पीठ ने सिब्बल से कहा, ‘‘पूरे सम्मान के साथ कहें तो, कुछ बहुत ही सच्चे पत्रकार हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो स्कूटर पर बैठकर कहते हैं कि हम ‘पत्रकार’ हैं और वे असल में क्या करते हैं, यह सबको पता है।’’

सिब्बल ने जवाब दिया कि ये सब आरोप हैं।
सिब्बल ने कहा, ‘‘एक प्राथमिकी में उन्हें अग्रिम ज़मानत मिल जाती है, फिर दूसरी प्राथमिकी दर्ज होती है और फिर से अग्रिम ज़मानत मिल जाती है, लेकिन अब उन पर आयकर चोरी के आरोप में तीसरी प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनके ख़िलाफ़ और भी कई आरोप हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस मामले की पृष्ठभूमि भी है।
पीठ ने नोटिस जारी कर अधिकारियों से जवाब मांगा।
गुजरात उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई को धन शोधन मामले में लांगा की ज़मानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि अगर उन्हें ज़मानत पर रिहा किया गया तो अभियोजन पक्ष के मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

ईडी ने 25 फ़रवरी को कहा था कि उसने कथित वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में लांगा को गिरफ़्तार किया है। लांगा को पहली बार अक्टूबर 2024 में जीएसटी धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ़्तार किया गया था।

लांगा के खिलाफ धन शोधन का मामला अहमदाबाद पुलिस द्वारा धोखाधड़ी, आपराधिक गबन, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और कुछ लोगों को लाखों रुपये का गलत नुकसान पहुंचाने के आरोपों पर दर्ज दो प्राथमिकियों से उपजा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments