चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पेश की गई व्यापार चुनौतियों पर एकजुट प्रतिक्रिया का आह्वान किया तथा एक खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा द्वारा आयोजित ब्रिक्स समूह के एक आभासी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जिनपिंग ने कहा कि वाशिंगटन के टैरिफ युद्धों ने विश्व अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से बाधित किया है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों को कमजोर किया है। आधिपत्यवाद, एकतरफावाद और संरक्षणवाद दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों द्वारा छेड़े गए व्यापार युद्ध और टैरिफ युद्ध विश्व अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया एक नाज़ुक मोड़ पर है।
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चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल साउथ की अग्रणी शक्ति के रूप में ब्रिक्स देशों को बहुपक्षवाद की संयुक्त रूप से रक्षा करने और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को बनाए रखने के लिए खुलेपन, समावेशिता और जीत-जीत सहयोग की ब्रिक्स भावना को बनाए रखना चाहिए। जिनपिंग ने यह भी कहा कि समूह को एकजुट होना चाहिए और व्यापार, वित्त, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अधिक सहयोगात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए अपनी शक्तियों का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग जितना घनिष्ठ होगा, बाहरी जोखिमों और चुनौतियों से निपटने में विश्वास उतना ही मजबूत होगा, अधिक समाधान उपलब्ध होंगे और बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ब्रिक्स बदलती अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों की कसौटी पर खरा उतरेगा।
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इसी बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा कि दुनिया की मौजूदा स्थिति वास्तविक चिंता का कारण बन गई है। अलग-अलग वैश्विक चुनौतियों के सामने बहुपक्षीय प्रणाली विफल होती दिख रही है। वैश्विक व्यापार प्रणाली खुले, निष्पक्ष दृष्टिकोण पर आधारित होना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा कि बाधाएं बढ़ाने, लेन-देन को मुश्किल बनाने से कोई मदद नहीं मिलेगी। व्यापार को हमेशा सुगम बनाना चाहिए।