Monday, October 20, 2025
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Thank You भारतीय सेना, बीजिंग की जनता कभी नहीं भूलेगी ये ऐहसान, अचानक क्या हुआ ऐसा, चीन ने दे डाला बड़ा बयान

चीन जो भारत के खिलाफ चालें चलता है। सीमा पर विवाद खड़े करता है। पाकिस्तान को हथियार देता है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को घेरने की कोशिश करता है। अब वही चीन भारत की सेना की तारीफ कर रहा। भारत की सेना के आगे झुक रहा। जी हां, चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा है कि भारतीय सैनिकों ने हजारों मील दूर जाकर चीन की मदद की। उनकी वीरता को चीनी जनता कभी नहीं भूलेगी। ये वही चीन है जो गलवान घटना के बाद भारत से टकराव पर आमदा था। आज वही चीन भारतीय सेना की तारीखों के पुल बांध रहा है। इस बयान से अमेरिका और पूरी दुनिया की नींद उड़ी हुई है। 

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चीनी राजदूत ने क्या कहा

दरअसल, भारत स्थित चीनी दूतावास ने जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जन प्रतिरोध युद्ध और विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। राजदूत शू फेइहोंग ने संगोष्ठी में भाग लिया और मुख्य भाषण दिया। भारतीय राजनीतिक दलों, मित्र संगठनों, थिंक टैंकों, मीडिया और विश्वविद्यालयों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। प्रतिरोध युद्ध के दौरान चीनी जनता को दिए गए अटूट समर्थन, विशेष रूप से हज़ारों मील दूर से चीन में चिकित्सा मिशन भेजने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। पहल पर प्रकाश डाला। उन्होंने ज़ोर दिया कि चीन और भारत को प्रतिरोध युद्ध के दौरान बनी महान मित्रता को आगे बढ़ाना चाहिए, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को मज़बूत करना चाहिए और तियानजिन बैठक के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें प्रमुख पड़ोसी देशों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के मार्ग पर चलने, आधुनिकीकरण का एक नया अध्याय लिखने, वैश्विक दक्षिण की एकजुट आवाज़ को मज़बूत करने और मानवता के साझे भविष्य वाले समुदाय की ओर बढ़ने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

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 25 लाख भारतीय सैनिकों ने लड़ी लड़ाई

द्वितीय विश्व युद्ध का दौर था भारत उस समय ब्रिटिश उपनिवेश था। लेकिन भारतीय सैनिकों ने स्वेच्छा से युद्ध में भाग लिया। करीब 25 लाख भारतीय सैनिक उस समय ब्रिटिश भारतीय सेना का हिस्सा बने। उस समय इन सैनिकों ने अफ्रीका में लड़ाई लड़ी। यूरोप के मोर्चे पर दुश्मनों का सामना किया। इटली और बर्मा में महत्पूर्ण योगदान दिया। सबसे खास चीन-बर्मा-भारत थियेटर में जापान को रोकने में निर्णायक भूमिका भी निभाई। 

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