Monday, October 20, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयराज-उद्धव फिर मिले: क्या महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ बन रहा नया...

राज-उद्धव फिर मिले: क्या महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ बन रहा नया ‘ठाकरे’ समीकरण?

प्रतीकात्मक इशारों से राजनीतिक रणनीति की ओर बदलाव का संकेत देते हुए, शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से उनके दादर स्थित आवास पर मुलाकात की, जिससे बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों से पहले संभावित गठबंधन की नींव रखी जा सके। बिना किसी पूर्व सूचना के, उद्धव, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत और विधान पार्षद अनिल परब सुबह राज ठाकरे के आवास शिवतीर्थ पहुँचे और उनसे तथा मनसे के वरिष्ठ नेताओं बाला नंदगांवकर और संदीप देशपांडे से लगभग ढाई घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की।
 

इसे भी पढ़ें: Job scam in Maharashtra: मंत्रालय में फर्जी इंटरव्यू, गिरोह ने युवाओं से लाखों की ठगी की

बैठक से जुड़े नेताओं ने इसे विशुद्ध रूप से राजनीतिक बताया, जिसमें 227 सदस्यीय नगर निकाय के लिए सीटों के बंटवारे पर विस्तृत बातचीत हुई। सूत्रों के अनुसार, मनसे ने लगभग 90 से 95 सीटें मांगी हैं, हालाँकि शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारियों ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र स्तर की बातचीत के माध्यम से इस आंकड़े को तर्कसंगत बनाया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठी भाषी बहुल राज्य में हिंदी थोपे जाने के आरोपों के बीच कक्षा पहली से पांचवीं तक के छात्रों के लिए ‘तीन-भाषा’ फार्मूले पर अपने विवादास्पद आदेश को वापस लिए जाने के बाद, उद्धव और राज पांच जुलाई को मुंबई में अपनी ‘जीत’ का जश्न मनाने के लिए मंच पर एक साथ आए थे। 
जुलाई के अंत में राज उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई देने के लिए उपनगरीय बांद्रा स्थित उनके आवास मातोश्री पर आए थे। हालांकि राज ने 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़ दी थी और इसके लिए उद्धव को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन 2024 के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टियों की हार ने अब तक प्रतिद्वंद्वी समझे जाने वाले दोनों भाईयों को संबंध सुधारने के लिए प्रेरित किया है। राज्य में धन-संपन्न बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) समेत आगामी स्थानीय निकाय में चुनावों के मद्देनजर दोनों पार्टियों ने गठबंधन बनाने के पर्याप्त संकेत दिए हैं लेकिन अभी तक औपचारिक गठबंधन की घोषणा नहीं की गई है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी होगी।
 

इसे भी पढ़ें: RSS स्वयंसेवक से देश के उपराष्ट्रपति तक, जानें सीपी राधाकृष्णन का शानदार राजनीतिक सफर

शिवसेना (उबाठा) प्रमुख और मनसे अध्यक्ष के बीच हुई हालिया बैठक के बारे में पूछे जाने पर भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख और विधायक अमित साटम ने बुधवार को कहा कि नागरिकों को राजनीतिक नेताओं के बीच पारिवारिक बैठकों की तुलना में विकास की अधिक चिंता है। साटम ने संवाददाताओं से कहा, बात यह नहीं है कि कौन किससे मिल रहा है और उनके पारिवारिक रिश्ते कैसे हैं बल्कि यह है कि अटल सेतु, कोस्टल रोड, वर्ली और आसपास के इलाकों में बीडीडी चॉल का पुनर्विकास किसने करवाया और पूरे मुंबई में सीसीटीवी कैमरों का विशाल नेटवर्क किसने स्थापित किया। ये प्रमुख मुद्दे हैं और मुंबईवासी इसी आधार पर वोट देंगे। 
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments