Monday, October 20, 2025
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जितनी ऊंची होगी बेटियों की उड़ान, उतना ही उज्ज्वल होगा भारत का भविष्यः सिंधिया

केंद्रीय संचार एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अशोकनगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि अब प्रधानपति, सरपंचपति, जिला पंचायत पति और अध्यक्षपति जैसी प्रथाओं को खत्म करना होगा और महिलाओं को अपना हक अपने हाथों में लेना होगा। 
दरअसल, आज केन्द्रीय मंत्री ने आज बृहस्पतिवार को अशोकनगर में रेवा शक्ति अभियान, हृदय योजना और एकल सेवा पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सिंधिया ने महिलाओं को दूसरी पंक्ति में धकेलने वाली इन प्रथाओं की आलोचना की और महिलाओं को उनका असली हक दिलाने के संकल्प का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने महिलाओं को बेटियों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बेटी केवल परिवार की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की पहचान है। जब एक बेटी जन्म लेती है तो वह केवल घर का नहीं बल्कि पूरे समाज का भविष्य गढ़ती है।उन्होंने एकल सेवा पोर्टल, हृदय योजना और रेवा शक्ति अभियान से क्षेत्र को मिलने वाले लाभों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि यह योजनाएं क्षेत्र में सुशासन की नई परिभाषा गढ़ेगी। 
क्षेत्र में रेवा शक्ति अभियान के तहत 4400 बच्चों को सुपोषित करने का रखा है लक्ष्य
सिंधिया ने रेवा शक्ति अभियान के मुख्य उद्देश्य का उल्लेख करते हुए कहा कि बेटियाँ बोझ नहीं, वरदान हैं। इस अभियान के अंतर्गत जिले के केवल एक या दो बेटियों वाले परिवारों का पंजीयन किया गया है। उन्हें विशेष डिजिटल कार्ड दिए जा रहे हैं, पंजीकृत परिवारों को शिक्षा शुल्क में छूट, स्वास्थ्य सेवाओं में प्राथमिकता, छात्रवृत्ति, किराए में रियायत और सामाजिक सम्मान जैसी सुविधाएँ मिलेंगी। इससे बेटियों को पढ़ाई और आगे बढ़ने के लिए एक मजबूत मंच मिलेगा। 
ज्ञात रहे कि अशोकनगर जिले में इस अभियान के अंतर्गत कुपोषण दूर करने का बड़ा लक्ष्य रखा गया है। अब तक 4,700 कुपोषित बच्चों की पहचान की गई थी, जिनमें से 4,400 बच्चों को सुपोषित करने का लक्ष्य रखा गया है। सिंधिया ने कहा कि हमारा संकल्प है कि जिले का प्रत्येक बच्चा पूर्ण रूप से सुपोषित हो और स्वस्थ जीवन जी सके।

2100 से अधिक गर्भवती माताओं को मिला हृदय योजना का लाभ

सिंधिया ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि हजारों कुपोषित बच्चों और गर्भवती माताओं को सुरक्षित मातृत्व और पोषण सेवाएँ मिल रही हैं। अब तक 2100 से अधिक माताओं का पंजीयन और 2000 बच्चों का कुपोषण प्रबंधन किया गया है। सिंधिया ने कहा कि यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि कोई भी बेटी शिक्षा से वंचित न रहे और कोई भी बच्चा कुपोषित न हो। उन्होंने कुपोषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कुपोषण आज भारत में कोई बीमारी नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक व्यवस्था की एक कमी है। इसका सुधार हमें मिलकर करना होगा।

पात्र नागरिकों को सीधे लाभ पहुंचाएगा एकल सेवा पोर्टलः सिंधिया

एकल सेवा पोर्टल का शुभारंभ करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह डिजिटल पोर्टल नागरिकों को 24×7 सरकारी सेवाओं और योजनाओं तक पारदर्शी व सुरक्षित पहुँच देगा। सिंधिया ने कहा कि इस तकनीकी पहल से आमजन का जीवन और आसान होगा और बेटियों के नाम से खुले खाते और योजनाएँ समय पर लाभ पहुंचाएँगी। इस पोर्टल से पात्र नागरिकों तक योजनाओं का सीधा लाभ पहुँचेगा, आवेदन का समय पर निराकरण व स्थिति की जानकारी मिलेगी एवं पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। 

महिलाओं को प्रथम पंक्ति में लाने के लिए निरंतर कार्यरतः सिंधिया

कार्यक्रम के दौरान नारी सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने कई वर्षों से प्रयास किए हैं कि महिलाएं प्रथम पंक्ति में आएं और जब महिलाएं प्रथम पंक्ति में आती हैं, तब भी पुरूष  उन पर काबिज होने की कोशिश करते हैं। इसलिए पार्षदपति, अध्यक्षपति, सरपंचपति जैसी इस प्रथाओं को समाप्त करना होगा और महिलाओं को अपना हक, अपने हाथों में लेना होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसी दिशा में वे निरंतर कार्य कर रहे हैं।
सिंधिया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पहले दिन नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए समर्पित है। आज केन्द्र सरकार द्वारा चलाई गई उज्ज्वला योजना और ड्रोन दीदी जैसी योजनाओं के चलते हमारी बहनें तकनीक का उपयोग कर खेती-किसानी में हाथ बटा रही हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं।

बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प है सुकन्या समृद्धि योजना

विदित रहे कि 1 मई 2025 से लेकर अब तक अशोकनगर, गुना और शिवपुरी जिलों में कुल 1702 सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं। इनमें से 518 खाते अकेले अशोकनगर की बेटियों के नाम पर खुले हैं। सिंधिया ने इन खातों में उन्होंने स्वयं निजी सहयोग दिया है और यह सहयोग वे हर उस बिटिया के खाते में करेंगे जिसका खाता 1 मई 2026 तक खुलेगा। उन्होंने कहा कि यह छोटा सा सहयोग इस क्षेत्र में बेटियों के उत्थान और उनके हौसले को उड़ान देने के लिए उत्प्रेरक बनेगा। उन्हें विश्वास है कि हर अभिभावक इस पहल से प्रेरणा लेकर अपनी बेटियों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेगा क्योंकि एक बेटी कल को माँ बनती है और अपने नौनिहालों को संस्कार देकर समाज और राष्ट्र का भविष्य तय करती है।
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