प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ 7,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र दाखिल होने के साथ ही चैतन्य की न्यायिक हिरासत आज समाप्त हो गई और उन्हें अदालत में पेश किया गया। चैतन्य को 18 जुलाई को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था और तब से वे हिरासत में हैं।
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ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल पर 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए कथित 2,160 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से प्राप्त धन का “प्राप्तकर्ता” होने का संदेह है। एजेंसी का आरोप है कि उन्हें घोटाले की आय से 16.70 करोड़ रुपये मिले, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश किया। इस बीच, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी प्रोडक्शन वारंट जारी कर उन्हें हिरासत में लेने और पूछताछ के लिए सात दिन की रिमांड की मांग की है। विशेष अदालत ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है और सुनवाई मंगलवार को होगी।
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इसके अलावा, चैतन्य की गिरफ्तारी के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 19 सितंबर को सुनवाई होनी है। यह गिरफ्तारी जुलाई में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी के बाद हुई। ईडी के अनुसार, मामले में नए सबूत मिलने के बाद यह कार्रवाई शुरू की गई। चैतन्य बघेल को आगे की पूछताछ के लिए अदालत से ईडी कार्यालय ले जाया जाएगा। इससे पहले मार्च में एजेंसी ने उनसे जुड़े कई परिसरों पर छापे मारे थे और करीब 30 लाख रुपये नकद, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किए थे।