Tuesday, September 16, 2025
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उत्तराखंड में जल प्रलय का कहर! देहरादून में टपकेश्वर मंदिर जलमग्न, सड़कें टूटीं, कई लापता

उत्तराखंड के देहरादून ज़िले में भारी बारिश के कारण तमसा नदी उफान पर आ गई और शहर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक, टपकेश्वर महादेव मंदिर में पानी भर गया। बढ़ता जलस्तर मंदिर की गुफा में घुस गया और शिवलिंग डूब गया। पानी मंदिर प्रांगण में भी घुस गया और हनुमान जी की मूर्ति तक पहुँच गया, हालाँकि गर्भगृह सुरक्षित रहा। देहरादून सिटी बस स्टैंड से लगभग 5.5 किलोमीटर दूर, गढ़ी कैंट क्षेत्र में एक छोटी नदी के किनारे स्थित टपकेश्वर मंदिर तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। मंदिर की एक अनूठी विशेषता गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग है, जिस पर ऊपर की चट्टान से लगातार पानी की बूँदें गिरती रहती हैं, इसलिए इसका नाम टपकेश्वर पड़ा। इस मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर शिवरात्रि मेले के दौरान, जब भक्त पूजा-अर्चना के लिए इकट्ठा होते हैं।

मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है: मंदिर के पुजारी

एएनआई से बात करते हुए, मंदिर के पुजारी आचार्य बिपिन जोशी ने कहा कि सुबह से ही नदी का बहाव तेज़ था और पूरा मंदिर परिसर जलमग्न हो गया था। उन्होंने कहा, “सुबह 5 बजे से ही नदी का बहाव तेज़ हो गया था और पूरा मंदिर परिसर जलमग्न हो गया था… ऐसी स्थिति बहुत लंबे समय से नहीं आई थी… कई जगहों पर नुकसान हुआ है… लोगों को इस समय नदियों के पास जाने से बचना चाहिए… मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित है… अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है…”
स्थानीय निवासियों ने भी गुफा मंदिर के अंदर पानी के बढ़ने का अपना अनुभव साझा किया। एक स्थानीय निवासी ने एएनआई को बताया कि जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया है और यह 10-12 फीट तक बढ़ गया है। उन्होंने आगे बताया, “सुबह करीब 4:45 बजे पानी गुफा में घुस गया… बाद में जब जलस्तर बढ़ने लगा तो यह 10-12 फीट तक बढ़ गया… पानी ‘शिवलिंग’ के ऊपर तक पहुंच गया… किसी तरह हमने अपना रास्ता बनाया और रस्सी की मदद से हम ऊपर आ गए…”
 

उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही

उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर रातभर हुई भारी बारिश से सड़कें, मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं तथा मंगलवार तड़के एक पुल बह गया। इस आपदा के बाद कई लोगों के लापता होने की खबर है, तथा कुछ स्थानों पर भूस्खलन भी हुआ है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि देहरादून में सहस्त्रधारा और मालदेवता तथा मसूरी से भी नुकसान की खबरें मिली हैं। देहरादून में दो से तीन लोग लापता बताए जा रहे हैं। मसूरी में एक व्यक्ति की मौत की खबर मिली है और इसकी पुष्टि की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, वहीं 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। 
 

टिहरी में जलभराव

आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए थे जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके अलावा भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के मलबे से नैनीताल में एक सड़क आवागमन के लिए बंद हो गई है। वहीं मझारा गांव के निवासी सड़कों पर इकट्ठा हैं और उनका कहना है कि वे भूस्खलन से बाल बाल बचे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हो गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुबह ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कल देर रात देहरादून के सहस्त्रधारा में भारी बारिश के कारण कुछ दुकानों के क्षतिग्रस्त होने का दुखद समाचार मिला। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस बल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं और व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नजर रख रहा हूं। मैं ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना करता हूं।’’ वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद की स्थिति से अवगत कराया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, उन्होंने राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। धामी देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा ले रहे हैं। स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद हैं। बारिश से प्रभावित मालदेवता क्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘ भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं। 25 से 30 स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं और संपर्क मार्ग कट गए हैं। मकान और सरकारी संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राहत टीम युद्धस्तर पर काम कर रही हैं ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।’’
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