समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को गोरखपुर के मऊचापी गाँव में पशु तस्करों के साथ मुठभेड़ में एक मेडिकल छात्र की मौत पर उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की और कहा कि इस घटना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की ध्वस्तता को उजागर किया है। यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्वाचन क्षेत्र में एक व्यापारी की हत्या सहित लगातार अपराध हो रहे हैं।
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सपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा क्षेत्र में हुई यह पहली घटना नहीं है – इससे पहले भी गोरखपुर में पुलिस ने एक व्यापारी की हत्या कर दी थी। गोरखपुर और उसके आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अन्याय हो रहा है। इससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठते हैं। पुलिस क्या कर रही है? यह प्रतिक्रिया सोमवार रात गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के मऊचापी गाँव में पशु तस्करों द्वारा 19 वर्षीय NEET अभ्यर्थी दीपक गुप्ता की बेरहमी से हत्या के बाद आई है, जिसके बाद पुलिस के अनुसार हिंसक विरोध प्रदर्शन, पथराव और सड़क जाम हो गया।
सपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश सरकार से गोरखपुर में पशु तस्करी की जाँच करने का आग्रह किया और मारे गए मेडिकल छात्र के परिवार के लिए 5 करोड़ रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी की माँग की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर की घटना में कहा जा रहा है कि वे गोवंश की तस्करी कर रहे थे। सरकार को इस बात की जाँच करनी चाहिए कि गोरखपुर में गोवंश की तस्करी और इस तरह की जघन्य हत्याओं में कौन लोग शामिल हैं। हम मांग करते हैं कि सरकार पीड़ित परिवार को 5 करोड़ रुपये का मुआवज़ा और एक सरकारी नौकरी दे, क्योंकि वह युवक मेडिकल का छात्र था। मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि मेडिकल की पढ़ाई कितनी महंगी है।
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समाजवादी पार्टी प्रमुख ने गोरखपुर के राजनीतिक महत्व को देखते हुए इस मुद्दे की गंभीरता पर ज़ोर दिया। अखिलेश यादव ने कहा कि गाजीपुर, कौशाम्बी और गोरखपुर में इस तरह के अपराध लगातार हो रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार और पुलिस का अधिकार कमज़ोर हो गया है। गोरखपुर मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र है और अगर वहाँ ऐसी घटनाएँ होती हैं, तो यह वाकई गंभीर चिंता का विषय है।