बिहार में ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ परिवहन विभाग का व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीडी) सड़कों पर समुचित निगरानी का जिम्मा संभाल रहा है। विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कुल 54,679 वाहनों को वास्तविक समय में ट्रैक किया जा रहा है। इस सिस्टम ने पिछले डेढ़ वर्षों में कुल 3,552 वाहनों को ओवरस्पीडिंग करते पकड़ा है। इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2,007 वाहन शामिल हैं, जिसमें सबसे अधिक 1,051 कैब 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार पर थीं। इसके अलावा 862 बसों, 61 मैक्सी कैब और 33 कारों ने भी गति सीमा का उल्लंघन किया है।
इसे भी पढ़ें: बेरोज़गारी, अपराध और अधिकारों के लिए तेजस्वी की ‘अधिकार यात्रा’ का आगाज, नया बिहार बनाने का संकल्प
ओवरस्पीडिंग पर विभाग की सख्ती
चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 1,545 पब्लिक वाहनों ने ओवरस्पीडिंग के नियम तोड़े हैं। इनमें 623 कैब, 583 बस, 128 मैक्सी कैब, 118 ओमनी बस और 93 कार शामिल हैं। इन वाहनों के खिलाफ चालान जारी करने के लिए संबंधित जिलों के जिला परिवहन अधिकारियों (डीटीओ) को निर्देश भेजा जा चुका है।
पटना में सघन जांच
आंकड़ों के अनुसार, ओवरस्पीडिंग के मामले में राजधानी पटना सबसे आगे है। पिछले वित्तीय वर्ष में पटना में 472 वाहनों ने तेज रफ्तार में गाड़ी चलाई, जबकि मुजफ्फरपुर में 209 और मोतिहारी में 132 वाहनों को वीएलटीडी सिस्टम ने नियम तोड़ते पकड़ा है। चालू वित्तीय वर्ष में भी पटना में 396, गया में 132 और मुजफ्फरपुर में 123 वाहनों ने गति सीमा का उल्लंघन किया है।
इसे भी पढ़ें: स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान से महिला सशक्तिकरण का सपना होगा साकार
वीएलटीडी से सुरक्षा
परिवहन विभाग ने वर्ष 2022 से वीएलटीडी सिस्टम के जरिए यात्री वाहनों की निगरानी शुरू की थी। यह तकनीक विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के सुरक्षित सफर को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है। इससे न केवल वाहनों की गति, बल्कि उनकी वर्तमान लोकेशन और रूट की भी जानकारी मिलती है।