कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार पर लगे निरोधक आदेश की अवधि शुक्रवार को 30 जनवरी तक बढ़ा दी, जिससे उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने पर रोक बरकरार रहेगी।
न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के अनुरोध पर निरोधक आदेश की अवधि बढ़ाई जा रही है।
अदालत ने निर्देश दिया कि मामले पर अंतरिम आदेश की अवधि 30 जनवरी तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, बढ़ाई जाए।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने 20 जून को एक अंतरिम आदेश में राज्य सरकार को 26 सितंबर तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आर्थिक राहत प्रदान करने की योजना को लागू करने से रोक दिया था।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले ग्रुप सी के प्रत्येक कर्मचारी को 25,000 रुपये और ग्रुप डी के प्रत्येक कर्मचारी को 20,000 रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जाने के विरोध में न्यायालय में तीन याचिकाएं दायर की गईं।
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उच्चतम न्यायालय के फैसले के कारण अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, क्योंकि शीर्ष अदालत ने 2016 की चयन प्रक्रिया को दूषित पाया था।