इजरायल ने भारत का नाम लेकर ऐसा तहलका मचाया है, जिसे देखकर लाखों भारतीय लोग भावुक हो उठेंगे। इजरायल अपनी किताबों में भारतीय सेना की बहादुरी के किस्से अपने बच्चों को पढ़ाएगा। इजरायल ने कहा है कि हमें भारतीय सैनिकों ने बचाया है और हमें भारतीय सैनिकों पर गर्व है। इज़राइल के हाइफ़ा शहर ने ओटोमन शासन से मुक्ति में भारतीय सैनिकों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। हाइफ़ा नगरपालिका अधिकारियों ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हाइफ़ा की लड़ाई में बहादुरी से लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहर के मेयर योना याहाव ने घोषणा की कि स्थानीय स्कूलों में इतिहास के पाठ्यक्रम को संशोधित किया जाएगा ताकि सच्चाई सामने आ सके। शहर को आजाद कराने वाले अंग्रेज नहीं थे, बल्कि भारतीय सैनिक थे।
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शहीद सैनिकों की वीरता को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक समारोह में भारतीय कब्रिस्तान में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मैं इसी शहर में पैदा हुआ और यहीं से स्नातक हुआ। वर्षों तक हमें यही पढ़ाया जाता रहा कि हाइफ़ा को अंग्रेजों ने आज़ाद कराया था। एक दिन, ऐतिहासिक सोसायटी के एक सदस्य मेरे घर आए और मुझे बताया कि एक व्यापक शोध से यह साबित हो गया है कि इस शहर को ओटोमन साम्राज्य से अंग्रेजों ने नहीं, बल्कि भारतीय सैनिकों ने आज़ाद कराया था।
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वहीं दूसरी तरफ इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ऐसी धमकी दे दी, जिसे सुनकर तो एक बार डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी गर्दन घुमा ली। डोनाल्ड ट्रंप भी नेतन्याहू की ये धमकी सुनकर हैरान थे। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर इजरायल गाजा में जंग रोकने के लिए तैयार हो गया है। ट्रंप ने सीजफायर के लिए 20 लाइन का एक पीस प्लान तैयार किया है। इस डील के पांच सबसे महत्वपूर्ण बिंदू ये हैं कि हमास और इजरायल के बीच सहमति बनाकर तुरंत जंग को रोकना। दूसरी सहमति है कि इजरायल गाजा से धीरे धीरे अपने सैनिकों को निकालेगा। तीसरा बिंदु है कि हमास 72 घंटे में सभी बंधकों को रिहा करेगा। जिसमें जिंदा और मृत दोनों होंगे। चौथा गाजा को आतंक मुक्त बनाना है। जिसके तहत गाजा से हमास के सारे ठिकाने, हथियार हटाए जाएंगे। पांचवा बिंदु है कि हमास को प्रशासन में शामिल नहीं किया जाएगा। हमास और अन्य लड़ाके गाजा की नई सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे।
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नेतन्याहू ने ट्रंप के प्लान को स्वीकार तो कर लिया, इसके साथ साथ एक धमकी भी दे डाली। नेतन्याहू ट्रंप को भी जानते हैं और हमास को भी। अभी तो हमास भी हां बोल देगा और ट्रंप भी बोल देंगे कि शांति आ गई है और क्रेडिट लेने में लग जाएंगे। लेकिन सच्चाई ये है कि इस तरह की डील को सफल बनाने में समय और ईंमानदार कोशिश लगती है, जिसकी उम्मीद ट्रंप से तो कतई नहीं की जा सकती है। ऐसे में नेतन्याहू ने सबके सामने कह दिया कि अगर हमास आपकी योजना को अस्वीकार करता है मिस्टर प्रेसिडेंट या अभी दिखावे के लिए मान कर आगे धोखा करता है तो आगे का काम इजरायल करेगा। हमें धोखा मिला तो बचा हुआ काम हम पूरा करेंगे।