Saturday, December 27, 2025
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उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रेमिका की नृशंस हत्या के लिए इंजीनियर की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

मुंबई उच्च न्यायालय ने 2008 में पुणे में अपनी पूर्व प्रेमिका और सहकर्मी की ‘‘नृशंस’’ हत्या के लिए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ ने 26 सितंबर के अपने फैसले में कहा कि यह मामला अत्यधिक घृणा, ईर्ष्या और प्रतिशोध से प्रेरित एक युवती की क्रूर हत्या का था।
आदेश की प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई।

अदालत ने मध्य प्रदेश निवासी इंजीनियर मोहिंदर मधुरेश की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें सत्र न्यायालय द्वारा दिसंबर 2016 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें उसे हत्या का दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मधुरेश ने 20 अक्टूबर, 2008 को पुणे स्थित अपने फ्लैट में खुशबू मिश्रा की हत्या कर दी थी। उस समय दोनों की उम्र 22 साल थी और नौकरी मिलने के बाद वे शहर आ गए थे।

मध्य प्रदेश में कॉलेज के दिनों में दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। पुणे आने के बाद, मतभेदों के चलते महिला ने मधुरेश से संबंध तोड़ लिया, जिससे वह नाराज हो गया। इसके बाद उसने खुशबू को परेशान करना और धमकाना शुरू कर दिया।

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