‘आई लव मोहम्मद’ विवाद को लेकर बरेली में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के ताज़ा घटनाक्रम में 81 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है। खबरों के अनुसार, पथराव मामले में मुख्य साज़िशकर्ता के रूप में उभरे मौलाना तौकीर रज़ा के दाहिने हाथ डॉ. नफ़ीस को भी गिरफ़्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, इस साज़िश में बंगाल और बिहार के तीन लोग शामिल हैं। मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि हिंसा की योजना एक हफ़्ते पहले ही बना ली गई थी और इससे जुड़े संदेश सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए थे। रिपोर्टों के अनुसार, दंगों की योजना 19 सितंबर से ही बननी शुरू हो गई थी। बताया जा रहा है कि बरेली के आज़मनगर में हुए दंगों में शामिल होने के लिए कई लोग गए थे। बताया जा रहा है कि शाहजहाँपुर से भी दंगाइयों को बुलाया गया था।
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हिंसा के बाद बरेली में कई घरों में ताले लगा दिए गए हैं। पुलिस दोषियों को पकड़ने के लिए और सबूत इकट्ठा कर रही है। शहर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जुमे की नमाज़ पर भी नज़र रखी जाएगी। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है। डीआईजी बरेली एके साहनी ने कहा कि स्थिति पूरी तरह सामान्य है। पुलिस रूट मार्च और पैदल गश्त कर रही है। हम सभी पक्षों से बात कर रहे हैं। त्योहारों के मद्देनजर, सीआरपीएफ और जिला बल के साथ पीएसी, अर्धसैनिक बल की 10 कंपनियां यहां तैनात हैं। हम जनता से शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने की अपील करते हैं। उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
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आई लव मोहम्मद विवाद के बीच, उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में अधिकारियों ने कानून और व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की कसम खाई है, और आगे की जांच जारी है। बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मणिकंदन ए ने एएनआई को बताया, पुलिस और जिला प्रशासन ने पिछले शुक्रवार की नमाज के बाद हुए कानून-व्यवस्था उल्लंघन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इस साजिश के पीछे मुख्य आरोपियों की संपत्तियों को सील कर दिया गया है, जिसमें दो मंजिला दुकान भी शामिल है।