Friday, October 3, 2025
spot_img
Homeराष्ट्रीयकानून का उल्लंघन कर दो लोगों को गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों की...

कानून का उल्लंघन कर दो लोगों को गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों की जांच की जा रही: राजस्थान पुलिस

राजस्थान पुलिस ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि उसके उन अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है, जिन्होंने 26 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से दो लोगों को उनके माता-पिता या स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना कथित तौर पर गिरफ्तार किया था।

राजस्थान पुलिस ने यह दलील न्यायमूर्ति ज्योति सिंह और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ के समक्ष दी। पीठ ने मंगलवार को कानून का उल्लंघन करने को लेकर राजस्थान पुलिस पर सवाल उठाए थे।
पीठ गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक की मां द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि दोनों नाबालिग थे।

उच्च न्यायालय ने मंगलवार को यह भी कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोग एक आदिवासी व्यक्ति के रिश्तेदार थे, जिसकी अप्रैल में मध्य प्रदेश पुलिस की हिरासत में कथित तौर पर मौत हो गई थी।
पीठ के समक्ष बुधवार को दाखिल एक स्थिति रिपोर्ट में राजस्थान पुलिस ने यह दलील दी कि पुलिस अधिकारियों की ओर से जांच के दौरान प्रक्रियागत खामियां रहीं, जिसके लिए राज्य पुलिस विभाग ने अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।

पीठ ने कहा, ‘‘राजस्थान के अजमेर की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही में शामिल हुईं और बताया कि कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है और रिपोर्ट आठ अक्टूबर 2025 को या उससे पहले पेश कर दी जाएगी। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि मामले की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए मामले को जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ संभाला जाएगा।’’

इस बीच, राजस्थान पुलिस ने अदालत को यह भी बताया कि अजमेर के सरकारी जेएलएन अस्पताल में एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था, जिसने पुष्टि की है कि गिरफ्तार किए गए लोगों की उम्र 19 वर्ष से अधिक है।
अदालत इस मामले की अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को करेगी।

दिल्ली के जनकपुरी स्थित भारती कॉलेज के पास दशहरा पार्क में खिलौने बेचने वाली एक महिला ने 26 सितंबर को दावा किया था कि उसके 15 वर्षीय बेटे और उसके रिश्तेदार के 17 वर्षीय बेटे को सादे कपड़ों में आए अज्ञात लोग ‘‘जबरन उठाकर’’ ले गए।

महिला ने आरोप लगाया कि उसके रिश्तेदार रात करीब नौ बजे जनकपुरी थाने गए, लेकिन उन्हें हरि नगर थाने से संपर्क करने के लिए कहा गया।
उन्होंने कहा कि दोनों थानों में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं की गई, यहां तक कि बच्चों का भी पता नहीं चल पाया। याचिका में कहा गया है कि इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments